मच्छरों के कहर के आगे स्वास्थ्य विभाग फेल

Edited By swetha,Updated: 30 May, 2018 01:45 PM

उत्तर भारत में लगातार गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। वहीं मच्छर ने भी लोगों को तंग करना शुरू कर दिया है। छोटे डंक से बड़े खतरे को टालना सेहत विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है । मच्छरों को मारने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशक भी बेअसर साबित हो...

जालंधरःउत्तर भारत में गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। वहीं मच्छरों ने भी लोगों को तंग करना शुरू कर दिया है। छोटे डंक से बड़े खतरे को टालना सेहत विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है । मच्छरों को मारने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशक भी बेअसर साबित हो रहे हैं।

तमाम कोशिशों के बावजूद हर साल मच्छर, विभाग की मच्छरदानी में से छेद कर लोगों का खून चूसने में कामयाब हो रहा है। ऐसे हालातों में स्वास्थ्य विभाग के लिए 2121 तक पंजाब को मलेरिया मुक्त करने का सपना पूरा करना कठिन लग रहा है। हलांकि स्वास्थ्य विभाग मच्छरों के खात्मे के लिए लोगों को जागरूक करने में जुटी हुई है।  

मलेरिया मुक्त का लक्ष्य 

वर्ष जिले
2018 बरनाला, फाजिल्का,फिरोजपुर, गुरदासपुर, जालंधर, संगरूर, मुक्तसर और मोगा
2019 तरनतारन, फरीदकोट, होशियारपुर और पटियाला 
2020 अमृतसर, लुधियाना 
2012 एस.ए.एस. नगर, बठिंडा और मानसा 

अगर वर्ष 2017 की बात करें तो इस साल मच्छरों के आगे सेहत विभाग बौना साबित हुआ था।  मच्छरों को मारने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस्तेमाल किया गया कीटनाशक सायफीनोथ्रीन ज्यादा कारगर साबित नहीं हुआ। इस कारण मच्छरों ने अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया। सिर्फ कीटनाशक ही नहीं बल्कि ओर भी कई कमियों के चलते लोगों को मच्छरों का जहरीला डंक लगा। वर्ष 2017  में मलेरिया के 103 मरीजों का विस्तार हुआ । इतना ही नहीं डेंगू के मरीजों की संख्या भी 4923 तक पहुंच गई है ।

वहीं विभाग की तरफ से मच्छरों को मारने वाली गम्बूज्या मछलियों की कमी  के कारण भी मच्छरों के वार को खत्म करना मुश्किल रहा। इसके इलावा मच्छरों के खात्मे के लिए किया जाने वाला छिड़काव भी बेअसर रहा। इसी कारण ही इसके मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब एक नजर डालते हैं पिछले कुछ सालों के दौरान कितने रहे मलेरिया और डेंगू के मरीज...

मलेरिया के मरीज

साल      कुल मरीज   दिमागी मलेरिया 
2007   2017     41    
2008   2494       38  
2009                          2955   35  
2010 3476       70 
2011   2660   64
2012         1689       43   
2013   1760   31  
2014 1036     16  
2015 596   13
2016 693  8  
2017 796       12
2018 (28 मई तक) 56    02

   डेंगू के कारण हुई मौतें

साल        मरीज          मौते         
2010 4012   15
2011 3921                       33  
2012 770   -
2013 4117                           25      
2014 472               08      
2015 14149 28
2016 10475   15
2017 15398   18
2018 2 0

 डाक्टरी माहिरों का कहना है कि सायफीनोथ्रीन मच्छरों को मारने के लिए बढ़िया कीटनाशक है। मगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए । इसके इलावा अगर मलेरिया मच्छर के खात्मे की बात करें तो मेलाथियान कीटनाशक का फिर से इस्तेमाल किया जा रहा है। स्थानीय निकाय विभाग को लोगों के घरों तक फागिंग करने की हिदायत की गई है । अगर कुल मिला कर बात की  जाए तो इन जानलेवा मच्छरों का खआत्मा तभी संभव है, जब सरकार और आम लोग मिलकर काम करेंगे। 
 

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