Edited By Des raj,Updated: 29 Aug, 2018 09:23 PM
तरनतारन के गांव मूसे कला में हर वर्ष करवाए जाते धार्मिक समागम में शामिल होने के लिए पहुंच रहे केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और पूर्व कैबिनेट मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया गांव नहीं पहुंचे।
तरनतारन ,झबाल(राजीव,नरिंदर,भाटिया): तरनतारन के गांव मूसे कला में हर वर्ष करवाए जाते धार्मिक समागम में शामिल होने के लिए पहुंच रहे केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और पूर्व कैबिनेट मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया गांव नहीं पहुंचे।
उक्त नेताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले एसपी हेड क्वार्टर गुरनाम सिंह ने बताया कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया ने उक्त धार्मिक समागम में जाने का कार्यक्रम कैंसिल कर दिया। गांव मूसे कला पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव है।
जहां पर हर वर्ष गांव के एक परिवार की तरफ से बाबा नंद सिंह जी की याद में श्री अखंड पाठ साहिब जी के भोग के उपरांत धार्मिक समागम करवाया जाता है। इस समागम में कई बार प्रकाश सिंह बादल सुखबीर सिंह बादल अपनी हाजिरी लगवा चुके हैं। इतना ही नहीं गत कई वर्षों से कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल व बिक्रम सिंह मजीठिया सहित उनका पूरा परिवार इस धार्मिक समागम में आते रहे हैं।
आज भी हर वर्ष की तरह यह धार्मिक समागम करवाया जा रहा था जहां पर उक्त दोनों नेताओं ने पहुंचना था, श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी के राज्य अध्यक्ष भाई तरलोचन सिंह सोहल व भाई मंजीत सिंह झबाल की अगुवाई में कुछ लोग कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया का विरोध करने के लिए तैयार खड़े थे। इन लोगों ने अपने हाथों में गोबर व तखितयां पकड़ रखी थी।
भाई तरलोचन सिंह सोहल और भाई मंजीत सिंह ने कहा कि मंगलवार को विधानसभा में जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट से यह साफ पता चलता है कि बहिबल कला एवं बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और निर्दोष सिखों को गोलीमार कर शहीद करने के पीछे बादल परिवार का हाथ है। वह लोग हर हाल में हरसिमरत कौर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया का विरोध करना चाहते थे।