Edited By Vatika,Updated: 11 May, 2018 12:43 PM
इराक में आई.एस. के चंगुल से बचकर भारत वापिस लौटने वाले हरजीत मसीह ने पंजाब सरकार से अपील की है कि उसे दोबारा से नर्इ जिंदगी की शुरूआत करने के लिए सरकारी नौकरी दी जाएं। हरजीत ने कहा है कि वह गरीब परिवार से संबंध रखता है और उसने इराक में भी काफी कष्ट...
चंडीगढ़ /गुरदासपुर: इराक में आई.एस. के चंगुल से बचकर भारत वापिस लौटने वाले हरजीत मसीह ने पंजाब सरकार से अपील की है कि उसे दोबारा से नर्इ जिंदगी की शुरूआत करने के लिए सरकारी नौकरी दी जाएं। हरजीत ने कहा है कि वह गरीब परिवार से संबंध रखता है और उसने इराक में भी काफी कष्ट झेले है।
केंद्र सरकार ने नहीं मानी थी मसीहा की एक भी बात
हरजीत गुरदासपुर के कस्बा काला अफगाना का निवासी है और दिहाड़ी करके अपना गुज़ारा करता है।वह विदेश राज्यमंत्री वी. के. सिंह के साथ देश लौटा था। हरजीत ने भारतीय मीडिया को बताया था कि इराक में आई. एस. की तरफ से 39 भारतीयों को मौत के घाट उतार दिया गया है लेकिन उस समय केंद्र सरकार यह बात मानने के लिए तैयार नहीं हुई। केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पिछले साल तक भी कहती रही कि सभी भारतीय जिंदा हैं लेकिन आखिर इस साल सच सबके सामने आ ही गया। पिछले दिनों इन भारतीयों की अस्थियां देश लाईं गई, जिसमें से 27 पंजाबी थी।
मुख्यमंत्री से की गर्इ मदद की गुहार
लोक शक्ति मसीही दल वेलफेयर सोसायटी' जालंधर ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के प्रमुख सचिव को गत 9 अप्रैल को अर्जी देकर हरजीत मसीह को सरकारी नौकरी और वित्तीय सहायता की मांग की थी। पहले तो हरजीत की विनती रद्द कर दी गई लेकिन बाद में सरकार ने उसकी अर्ज़ी को उक्त विभाग को भेजा है। इस दौरान हरजीत के पिता का भी देहांत हो चुका है और उसकी मां लोगों के घरों में काम करके अपना गुज़ारा कर रही है।