Edited By Sunita sarangal,Updated: 12 Oct, 2021 05:35 PM
हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू ने अभी तक पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के इस्तीफे पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है।
चंडीगढ़ (अश्वनी): हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू ने अभी तक पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के इस्तीफे पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है, लेकिन पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में एकमात्र कांग्रेस अध्यक्ष हैं। रावत ने यह भी कहा कि सिद्धू ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे कांग्रेस पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़े। रावत ने कहा कि जहां तक एडवोकेट जनरल या डी.जी.पी से जुड़े मुद्दे पर विवाद का सवाल है तो यह एक बहुत छोटा मुद्दा है। नवजोत सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी के स्तर पर इसका निपटारा किया जाएगा।
रावत ने बातचीत में कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिद्धू संयुक्त रूप से राजनीतिक किले को जीतेंगे। यह बात अलग है कि 2022 में जीत के बाद मुख्यमंत्री के चेहरे का फैसला कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। इससे पहले रावत ने 2022 में नवजोत सिंह सिद्धू को एक चेहरे के रूप में उतारने की बात कही थी, जिससे काफी हड़कंप मच गया था। विपक्ष के नेताओं ने रावत के बयान को अनुसूचित जाति की भावनाओं का मजाक बताया था, जिसके बाद रावत को अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी थी। वहीं अब एक बार फिर रावत ने मुख्यमंत्री की गेंद आलाकमान के पाले में फेंक दी है।
चन्नी और सिद्धू के बीच तनाव को खारिज करते हुए रावत ने कहा कि पंजाब में सत्ता के लिए किसी भी स्तर पर संघर्ष नहीं चल रहा है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तथा नवजोत सिंह सिद्धू इकट्ठे हैं। लखीमपुर रोष मार्च में भी यह दोने एक मंच पर दिखाई दिए। हालांकि, कुछ ताकतें भ्रम पैदा कर रही हैं। चन्नी और सिद्धू के बीच की खाई को चौड़ा करने के लिए कुछ बातों को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। भ्रम फैलाने वाले लोग अपने स्वार्थ के लिए ऐसा कर रहे हैं।
दूसरी तरफ कैप्टन अमरिन्द्र सिंह को लेकर हरीश रावत ने कहा कि कैप्टन के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं। कैप्टन के लिए कांग्रेस में संभावनाएं खत्म नहीं हुई हैं। कैप्टन को कांग्रेस को अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलना चाहिए ताकि आगे का रास्ता तैयार हो सके। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सभी शिकायतों को हाईकमान पहले ही दूर कर चुका है। पंजाब में लिए गए सभी फैसले आम सहमति से लिए गए हैं। यह बात अलग है कि कैप्टन ने विधानसभा की बैठक से इस्तीफा दे दिया था।
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