Edited By Sunita sarangal,Updated: 21 Oct, 2021 04:36 PM
पंजाब कांग्रेस में चली रही कलह से तंग आ चुके नेता हरीश रावत ने अब हाथ खड़े कर दिए हैं। उन्होंने प्रभारी पद से छोड़ने के लिए हाईकमान से भी अनुरोध किया है।
जालंधर : पंजाब कांग्रेस में चली रही कलह से तंग आ चुके नेता हरीश रावत ने अब हाथ खड़े कर दिए हैं। उन्होंने प्रभारी पद से छोड़ने के लिए हाईकमान से भी अनुरोध किया है। इस दौरान हरीश रावत ने अपनी इच्छा जताते हुए कहा कि हाईकमान को नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार करना चाहिए था। हालांकि हरीश रावत ने उत्तराखंड में आगामी चुनाव के बहाने पंजाब कांग्रेस प्रभारी के पद से छुट्टी मांगी है, लेकिन यह बात स्पष्ट है कि रावत कांग्रेस में कलह का समाधान करने में विफल रहे हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस में गहरी होती दरार के कारण पंजाब में राजनीतिक नेताओं का बड़ा फेरबदल हुआ है और आने वाले दिनों में हरीश चौधरी पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत की जगह ले सकते हैं। जब हरीश रावत पंजाब कांग्रेस के प्रभारी बने थे सिद्धू ने रावत के साथ तालमेल बनाना शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप साढ़े 4 साल से कैप्टन के खिलाफ आंतरिक खाते सुलग रही भीषण रूप में निकली और कप्तान को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री और नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने से भी मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है और नवजोत सिद्धू ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। सिद्धू का इस्तीफा अभी भी बहस का विषय है कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया है या नहीं। इस बीच हरीश रावत द्वारा सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार करना स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वह भी पंजाब कांग्रेस के विवाद को सुलझाने में सक्षम नहीं हैं।
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