गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार यू.ए.ई. के दरवाजे सबके लिए खुले

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 10:56 AM

gurudwara guru nanak darbar u a e doors open to everyone

कनाडा, ब्रिटेन और अमरीका में जहां गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों की तरफ से भारतीय अधिकारियों के गुरुद्वारा में प्रवेश पर रोक लगाई गई है

जालंधर (विशेष): कनाडा, ब्रिटेन और अमरीका में जहां गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों की तरफ से भारतीय अधिकारियों के गुरुद्वारा में प्रवेश पर रोक लगाई गई है वहीं गल्फ रिजन में सिख समुदाय ने एक अच्छा संकेत दिया है। गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार सिख टैंपल की प्रबंधक कमेटी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति गुरुद्वारा साहिब में आ सकता है। गुरु घर के दरवाजे सभी समुदायों और व्यक्तियों के  लिए खुले हैं। हम न तो ऐसी खबरों की तरफ ध्यान दे रहे हैं और न ही ऐसी खबरें हमने पढ़ी हैं। हम 
एक सोसायटी की तरह हैं और शांत जीवन जी रहे हैं। 


दुबई में रहे हैं एक सिख युवक ने बताया कि यू.ए.ई. में 200 देशों के नागरिक रहते हैं और शांति से रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि क्यों पश्चिम देशों में स्थित कुछ गुरुद्वारों की तरफ से ऐसा फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि वह अक्सर गुरुद्वारा साहिब में जाते हैं, उन्होंने कभी प्रवेश पर पाबंदी जैसी कोई बात नहीं सुनी है। सभी शांति के साथ रह रहे हैं।


यू.ए.ई. के जेबेल अली स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार में पिछले साल बैसाखी के मौके पर घंटे भर के कार्यक्रम में 101 देशों के 600 लोगों के लिए महाद्वीपीय नाश्ता परोसा गया। इसके लिए गुरुद्वारे का नाम गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। इस वल्र्ड रिकॉर्ड की चर्चा पूरी दुनिया में है। इससे पहले 2015 में इटली के मिलान एक्सपो में इस तरह का कार्यक्रम हुआ था जिसमें 55 देशों के लोगों ने भाग लिया था।

 

जरूरत पडऩे पर मदद करते हैं भारतीय अधिकारी
दुबई के अलावा दूसरे कई देशों में रह रहे सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि भारतीय अधिकारी समय-समय पर जरूरत पडऩे पर उनकी मदद भी करते हैं। आस्ट्रेलिया के प्रांत सिडनी में रह रहे तजिंद्र सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियां अपने तौर पर फैसले ले रही हैं जबकि गुरु घर सभी के लिए 
सांझा हैं और भाईचारे का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों में रह रहे भारतीय सहित पंजाबियों पर जब कोई मुसीबत आती है तो भारतीय अधिकारी ही उनकी मदद को आगे आते हैं।

 

ओंटारियो के बाद अमरीका के 96 गुरुद्वारे लगा चुके हैं भारतीय अधिकारियों के प्रवेश पर रोक
साल की शुरूआत में ओंटारियो के 15 गुरुद्वारों की प्रबंधक कमेटियों ने गुरुद्वारा साहिब के समागम में भारतीय अधिकारियों के प्रवेश पर रोक का फैसला लिया हुआ है। उसके बाद ब्रिटेन और अमरीका में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों ने ऐसा ही फैसला लिया है। यह फैसला भारतीय अधिकारियों द्वारा पंजाबियों को पंजाब आने के लिए यात्रा वीजा नहीं दिए जाने और प्रताडि़त करने का आरोप लगाते हुए लिया गया है। वहीं कमेटियों का पंजाब में सिख युवकों पर अत्याचार का भी आरोप है।

 

प्रवेश पर नहीं, समागमों में आमंत्रण पर है रोक 

विदेश स्थित गुरुद्वारों में आयोजित होने वाले समागमों में भारतीय अधिकारियों को बुलाया जाना आम बात है और सिख समुदाय द्वारा कई मौकों पर समस्या के समय भारतीय अधिकारियों की मदद भी ली जाती है। प्रारंभ में भारतीय अधिकारियों के गुरु घर में प्रवेश पर रोक का प्रचार किया जा रहा था लेकिन बाद में यह स्पष्ट किया गया है कि अधिकारी गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने आ सकते हैं लेकिन उनके समुदाय से संबंधित समागम में आमंत्रण पर रोक लगाई गई है।

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