Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Sep, 2017 10:37 AM
गुरदासपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुनील जाखड़ की गत दिनों स्व. सांसद विनोद खन्ना की धर्मपत्नी कविता खन्ना के साथ हुई
गुरदासपुर (विनोद,दीपक): गुरदासपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुनील जाखड़ की गत दिनों स्व. सांसद विनोद खन्ना की धर्मपत्नी कविता खन्ना के साथ हुई मुलाकात ने सियासी गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है वहीं इस मुलाकात ने कांग्रेस के बीच भी जंग शुरू कर दी है। कांग्रेस के कुछ बड़े नेता इससे कांग्रेस को नुक्सान होने की बात कह रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि जाखड़ ने यह मुलाकात करके जहां कविता खन्ना की हमदर्दी अर्जित की है, वहीं भाजपा में क्लेश शुरू करवा दिया है। कविता खन्ना ने इस मुलाकात बारे जाखड़ द्वारा उसके निवास पर आकर केवल अफसोस प्रकट करने की बात कही है, इसके बावजूद राजनीतिक माहिर इस मुलाकात का अपने-अपने ढंग से अलग-अलग मतलब निकाल रहे हैं। जाखड़ ने कविता खन्ना से मुलाकात कर एक तीर से दो निशाने साधे हैं। इस कूटनीति से जाखड़ के सियासी विरोधी भी उलझ कर रह गए हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों खेमों में इस मुलाकात को गंभीरता से लिया जा रहा है तथा दोनों ही राजनीतिक दलों में इस संबंधी विवाद स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
कविता खन्ना इस समय गुरदासपुर लोकसभा हलके में उन्हें टिकट न मिलने के कारण कांग्रेस की नजर में सबसे बढिय़ा टार्गेट मानी जा रही थीं। जाखड़ ने राजनीतिक शतरंज का खेल खेलते हुए कविता खन्ना से मुलाकात कर विनोद खन्ना के अधूरे प्रोजैक्टों को पूरा करवाने की जो घोषणा की है, उससे वह कविता खन्ना को यह संदेश देने में सफल हुए हैं कि वह चुनाव जीत जाएंगे तथा विनोद खन्ना के सभी सपने पूरे करेंगे, जबकि भाजपा उम्मीदवार ने तो इस संबंधी स्पष्ट कहा है कि यदि जाखड़ मेरे पास भी आते हैं तो मैं उनका स्वागत करूंगा परंतु विनोद खन्ना के स्वप्न हम आसानी से पूरे करने में पूरी तरह से सक्षम हैं।
कैप्टन से बात करने के बाद बना मुलाकात का प्रोग्राम
कहा जा रहा है कि सुनील जाखड़ ने कविता से मुलाकात का प्रोग्राम मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से बात करने के बाद ही बनाया था तथा कैप्टन भी चाहते थे कि कविता खन्ना किसी तरह से कांग्रेेसी खेमे में आ जाए परंतु कविता खन्ना ने स्पष्ट कर दिया है कि जाखड़ का उनके निवास पर आने का कारण केवल विनोद खन्ना के देहान्त संबंधी शोक प्रकट करना था। इस मुलाकात का राजनीति से कुछ भी लेना-देना नहीं है।