अब ‘डोले’ बनाने होंगे महंगे

Edited By Anjna,Updated: 06 Jul, 2018 12:45 PM

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जिम जाकर ‘डोले’ बनाने के शौकीनों और पार्लर जाकर खूबसूरत बनने के शौकीनों की जेब पर अब कैंची चलने जा रही है। पंजाब सरकार प्रदेश में जगह-जगह खुले आईलैट्स सैंटरों, प्राइवेट कोचिंग सैंटरों, पार्लर, सैलून और जिम को जी.एस.टी. के दायरे में लाने जा रही है।

पटियाला (राजेश): जिम जाकर ‘डोले’ बनाने के शौकीनों और पार्लर जाकर खूबसूरत बनने के शौकीनों की जेब पर अब कैंची चलने जा रही है। पंजाब सरकार प्रदेश में जगह-जगह खुले आईलैट्स सैंटरों, प्राइवेट कोचिंग सैंटरों, पार्लर, सैलून और जिम को जी.एस.टी. के दायरे में लाने जा रही है।

इस संबंधी प्रदेश के टैक्सेशन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मौजूदा समय यह सैंटर जी.एस.टी. अदा नहीं कर रहे। विभाग के उच्चाधिकारियों ने एक्साइज एंड टैक्सेशन के फील्ड अफसरों को आदेश दिए थे कि वे रैवेन्यू बढ़ाएं, जिसके बाद इन अफसरों की नजर इन सैंटरों पर पड़ी और इन सैंटरों को जी.एस.टी. के दायरो में लाने के लिए सरकार को अपनी रिपोर्ट दी। पंजाब में पिछले कुछ समय से आईलैट्स सैंटर बड़ी संख्या में खुले हैं, जिनमें हजारों की संख्या में विदेशों जाने के इच्छुक व्यक्ति शिक्षा ले रहे हैं। इसी तरह प्राइवेट कोचिंग सैंटर, पार्लर, सैलून और जिम भी बड़ी संख्या में खुले हुए हैं। मैडीकल और नॉन मैडीकल की परीक्षाओं की तैयारी करवाने के लिए पंजाब के अलग-अलग शहरों में बड़ी संख्या में सैंटर खुले हुए हैं। शाही शहर पटियाला में ऐसे कई सैंटर हैं, जिनमें विद्यार्थियों की संख्या 700 से लेकर 1000 तक है। यह विद्यार्थी लाखों रुपए खर्च करके इन प्राइवेट सैंटरों में कोचिंग ले रहे हैं।

सरकार का मानना है  कि प्राइवेट कोचिंग सैंटरों को स्कूलों और कालेजों की तरह जी.एस.टी. से बाहर नहीं रखा जा सकता।स्कूलों और कालेजों का काम बच्चों को शिक्षा मुहैया करवाना है जबकि प्राइवेट कोचिंग सैंटरों का काम पैसा कमाना है। प्राइवेट सैंटर पैसा तो कमा रहे हैं परंतु जी.एस.टी. अदा नहीं कर रहे। यह सैंटर सर्विस टैक्स के दायरे में आते हैं, जिसके बाद ही पंजाब आबकारी और कर विभाग ने ऐसे सैंटरों पर जी.एस.टी. लगाने का फैसला किया है।

विभाग ने शुरू किया सर्वे
पंजाब में इस तरह के कितने सैंटर हैं इसका सर्वे करने के लिए जी.एस.टी. विभाग ने फील्ड अफसरों को सर्वे करने के आदेश दिए हैं। इसलिए समूह फील्ड अधिकारियों को कहा गया है कि वे अपने-अपने अधीन आते इलाकों की रिपोर्टें बना कर विभाग के हैड आफिस में भेजें। विभाग की तरफ से ऐसे सैंटरों को नोटिस भेजे जाएंगे। इन नोटिसों के द्वारा इन सैंटरों के मालिकों को कहा जाएगा कि वे जी.एस.टी. नंबर लें यदि नोटिस भेजने के बावजूद भी जी.एस.टी. नंबर नहीं लेते तो उनके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी।

100 करोड़ से अधिक की आय होने की उम्मीद
प्रदेश के एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग को उम्मीद है कि जिस तरह पंजाब में पिछले कुछ समय दौरान उक्त तरह के सैंटर खुले हैं यदि ये जी.एस.टी. के दायरे में आते हैं तो विभाग को 100 करोड़ से अधिक की आमदनी हो सकती है। यही कारण है कि विभाग जल्दी से जल्दी इन सैंटरों को जी.एस.टी. के दायरे में लाना चाहता है।
 

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