Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jun, 2017 10:09 AM
कैप्टन सरकार ने अपने बजट में हैरोइन की स्मगलिंग के लिए विख्यात हो चुके सीमावर्ती जिले अमृतसर में जनरल शाम सिंह अटारीवाला आर्म्ड फोर्सेज प्रैपरेटरी इंस्टीच्यूट खोलने का ऐलान करके जहां जनरल शाम सिंह अटारी वाला के निराश हो चुके परिवार का हौसला बढ़ाया...
अमृतसर(नीरज): कैप्टन सरकार ने अपने बजट में हैरोइन की स्मगलिंग के लिए विख्यात हो चुके सीमावर्ती जिले अमृतसर में जनरल शाम सिंह अटारीवाला आर्म्ड फोर्सेज प्रैपरेटरी इंस्टीच्यूट खोलने का ऐलान करके जहां जनरल शाम सिंह अटारी वाला के निराश हो चुके परिवार का हौसला बढ़ाया है तो वहीं अमृतसर जिले को बड़ी राहत प्रदान की है।
अमृतसर के नौजवान इस इंस्टीच्यूट में शिक्षा ग्रहण करके न सिर्फ चिट्टे की लत से दूर होंगे, बल्कि एक बार फिर से पंजाबी नौजवान भारत की खड्ग भुजा बनकर दुनिया के सामने आएगा। अमृतसर जिले में इस प्रकार का कोई भी इंस्टीच्यूट नहीं था, जिसके चलते नौजवानों को दूसरे जिलों या राज्यों में ट्रेनिंग लेने के लिए जाना पड़ता था। गौर रहे कि बी.एस.एफ. व सेना की तरफ से जरूर नौजवानों को सेना व अर्ध सैनिक बलों में भर्ती होने के लिए कुछ सप्ताह की ट्रेनिंग दी जाती थी, लेकिन वह ट्रेनिंग सेना में अधिकारी बनने के लिए नाकाफी थी।
अमृतसर में आम्र्ड फोर्सेज प्रैपरेटरी इंस्टीच्यूट खुलने से चिट्टे की लत से भी सीमावर्ती इलाकों के नौजवान दूर होंगे, क्योंकि यह इंस्टीच्यूट नौजवानों का सेना में अफसर बनने के लिए उत्साह पैदा करेगा। कुछ वर्षों के दौरान अमृतसर जिले में होने वाली सेना की भर्ती के आंकड़ों को देखा जाए तो नौजवानों में सैनिक बनने का रुझान काफी कम हो चुका है।
सेना में आज भी 22 हजार अधिकारियों के पद रिक्त
भारतीय सेना में आज भी 22 हजार अधिकारियों के पद रिक्त हैं, लेकिन पंजाबी नौजवानों सहित अन्य राज्यों के नौजवान सेना में भर्ती होने के इच्छुक नहीं नजर आ रहे हैं। पंजाब में देखा जाए तो इसका मुख्य कारण पंजाब में आम्र्ड फोर्सेज प्रैपरेटरी इंस्टीच्यूट की कमी होना है क्योंकि एन.डी.ए. (नैशनल डिफैंस एकैडमी), ओ.टी.ए. (ऑफिसर्स ट्रेनिंग ऐकैडमी) व आई.एम.ए. (इंडियन मिलिट्री एकैडमी) में भर्ती होने के लिए प्लस टू व ग्रैजुएशन के बाद एंट्रैंस टैस्ट की कड़ी तैयारी करनी पड़ती है, जिसकी गाइडैंस देने के लिए अमृतसर में तो कोई भी सैनिक स्कूल या अन्य इंस्टीच्यूट नहीं था, लेकिन अब उन नौजवानों को काफी राहत मिलेगी, जो सेना में अफसर या सैनिक के रूप में देश की सेवा करना चाहते हैं।
सेना में भर्ती होना तो दूर दौड़ का टैस्ट ही पूरा नहीं कर पाते हैं नौजवान
पंजाब को भारत की खड्गभुजा कहा जाता रहा है लेकिन आज पंजाब के नौजवानों की हालत यह हो चुकी है कि सेना की भर्ती में 95 प्रतिशत नौजवान दौड़ का टैस्ट ही पास नहीं कर पाते हैं। भर्ती होना तो दूर की बात है पंजाब नौजवान फिजीकल टैस्ट से ही बाहर हो जाते हैं।
हाल ही में हुई सेना की भर्ती में देखने में आया है कि 35 हजार नौजवानों में से सिर्फ 600 नौजवान ही फिजीकल टैस्ट पास करके लिखित परीक्षा में बैठ सके। इस कमजोरी का मुख्य कारण नौजवानों की तरफ से अपने शरीर को आरामतलब बना लेना और शारीरिक मेहनत न करने के साथ-साथ नशे की लत भी है।
10 फरवरी 1846 की एंग्लो-सिख वॉर में महाराजा रणजीत सिंह की सेना की कमान संभाल रहे 60 वर्षीय योद्धा जनरल शाम सिंह अटारीवाला की बहादुरी व शहादत के अंग्रेज भी कायल थे और आज भी ब्रिटेन में 10 फरवरी के दिन अटारी-डे मनाया जाता है। पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार की तरफ से 10 फरवरी के दिन राज्य स्तरीय समागम जरूर रखा जाता था, लेकिन कभी भी राज्य स्तरीय समागम नहीं मनाया गया।
हम कैप्टन सरकार के आभारी हैं जिन्होंने जनरल शाम सिंह अटारीवाला के नाम पर आर्म्ड फोर्सेज प्रैपरेटरी इंस्टीच्यूट खोलने का ऐलान किया है। इससे सीमावर्ती इलाकों के नौजवानों को सेना में भर्ती होने के लिए ट्रेनिंग मिलेगी और बाहरी राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा।
दिनेश्वर सिंह सिद्धू, जनरल शाम सिंह