खेती फीडरों की बिजली 7 दिनों से गुल, मची हाहाकार

Edited By Anjna,Updated: 13 Jun, 2018 08:19 AM

grain of farming feeders from 7 days

आर्थिक तंगी से जूझ रहे देश-प्रदेश के किसानों पर कुदरत का कहर भी जमकर बरपता है। अन्नदाता को हर समय कोई न कोई परेशानी घेरे रहती है। अन्नदाता की परेशानियों को देश-प्रदेश की सियासत व प्रशासनिक अधिकारियों ने कभी भी ईमानदारी से हल नहीं किया। 5 जून को आए...

मोगा/फतेहगढ़ पंजतूर (गोपी राऊंके): आर्थिक तंगी से जूझ रहे देश-प्रदेश के किसानों पर कुदरत का कहर भी जमकर बरपता है। अन्नदाता को हर समय कोई न कोई परेशानी घेरे रहती है। अन्नदाता की परेशानियों को देश-प्रदेश की सियासत व प्रशासनिक अधिकारियों ने कभी भी ईमानदारी से हल नहीं किया। 5 जून को आए अंधड़ ने फतेहगढ़ पंजतूर में बिजली आपूर्तिको ठप्प कर दिया था। हैरानी की बात तो यह है कि एक सप्ताह बीतने के बाद भी समस्या ज्यों की त्यों ही है।

इस समस्या को लेकर किसानों में हाहाकार मची हुई है। कस्बा फतेहगढ़ पंजतूर के किसान जोगिंद्र सिंह पप्पू काहनेवाला, गुरजीत सिंह खंभे, सुखदेव सिंह मुंडी जमाल, पिछौरा सिंह मुंडी जमाल, कुलवंत सिंह मुंडी जमाल, कारज सिंह मुंडी जमाल, गुरसेवक सिंह मुंडी जमाल, बलविंद्र सिंह, साहिब सिंह बोघेवाला व सुखविंद्र सिंह भैनी आदि ने बताया कि 5 जून को आए तेज तूफान के कारण इलाके में बिजली सप्लाई पूरी तरह से ठप्प होकर रह गई थी। आज एक सप्ताह बीतने पर भी बिजली सप्लाई बहाल नहीं हो सकी। इससे खेती फीडरों पर बिजली सप्लाई न होने के कारण किसानों को धान की पनीरी को पानी लगाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि मजबूरीवश कुछ किसान डीजल इंजनों में 68 रुपए प्रति लीटर डीजल डालकर या ट्रैक्टरों से ट्यूबवैल चला रहे हैं, लेकिन कुछ किसान आर्थिक तंगी के चलते महंगे मूल्य का डीजल लेने में असमर्थ हंै। इस कारण वह सिर्फ बिजली सप्लाई पर ही निर्भर हैं, इसलिए इन किसानों की पनीरी सूखनी शुरू हो गई है। फतेहगढ़ पंजतूर के किसानों में मची हाहाकार, 1 जे.ई. पर 24 फीडरों को चलाने का बोझ

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