Edited By Vatika,Updated: 22 May, 2018 05:08 PM
पंजाब सरकार की नर्इ खनन नीति राजनीतिक पचेदगी में पड़ सकती हैं। मगर इसने अंततः फैसला किया है कि एक पायलट परियोजना के रूप में खुद ही रेत का खनन करें। सतलुज नदी में 5 स्थानों को किया गया, जो सभी लुधियाना जिले में हैं, जहां जल संसाधन विभाग ड्रेनेज विंग...
चंडीगढ़ः पंजाब सरकार की नर्इ खनन नीति राजनीतिक पचेदगी में पड़ सकती हैं। मगर इसने अंततः फैसला किया है कि एक पायलट परियोजना के रूप में खुद ही रेत का खनन करें। सतलुज नदी में 5 स्थानों को किया गया, जो सभी लुधियाना जिले में हैं, जहां जल संसाधन विभाग ड्रेनेज विंग रेत के खनन का काम शुरू करेगा और बाद में यह इस्तेमाल करने वालों को बेचेगा।
बुधवार को दरिया के तट से रेत को निकालने के लिए जरूरी मशीनरी के साथ ठेकेदारों के लिए टैंडर जारी किए जाएंगे। ये काम एक सप्ताह के भीतर आवंटित किया जाएगा।दरिया तट से रेत निकालने के स्थानों को पहले ही चयन किया जाएगा और वहां से रेत निकालकर बेची जाएगी। सूत्रों ने बताया कि रेत का मूल्य 1 हजार से 12 हजार रुपए 100 क्यूबिक फीट होगा मगर उपभोक्ताओं को रेत के लदान की लागत वहन करनी पड़ेगी।
खनन विभाग के प्रधान सचिव जसपाल सिंह ने कहा कि इसका मकसद राज्य में रेत की उपलब्धा यकीनी बनानी है ताकि खनन सामग्री की कीमते कम हो जाएगी। इन 5 स्थानों के अलावा भी हम 39 अन्य स्थानों की निलामी करने पर विचार कर रहे हैं। इसके अलावा 171 खनन स्थलों की निलामी शिघ्र की जाएंगी। सितंबर महीने तक रेत की आपूर्ति मांग से अधिक जिससे स्थिति में सुधार होगा।