Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Nov, 2017 10:47 AM
नगर निगम मोगा अधीन चल रही सरकारी गौशाला में गौधन की संभाल के लिए एक संस्था को ठेका देने संबंधी निगम परउंगलियां उठनी शुरू हो गई हैं। निगम गौशाला की लगभग 3 वर्ष संभाल कर चुकी संस्था के अध्यक्ष का आरोप है कि निगम की ओर से महंगे मूल्य पर ठेका देकर...
मोगा (ग्रोवर): नगर निगम मोगा अधीन चल रही सरकारी गौशाला में गौधन की संभाल के लिए एक संस्था को ठेका देने संबंधी निगम परउंगलियां उठनी शुरू हो गई हैं।
निगम गौशाला की लगभग 3 वर्ष संभाल कर चुकी संस्था के अध्यक्ष का आरोप है कि निगम की ओर से महंगे मूल्य पर ठेका देकर पब्लिक फंडों का दुरुपयोग किया गया है, जबकि नगर निगम के मेयर ने स्पष्ट किया कि सब कुछ नियमानुसार हुआ है।
जानकारी के अनुसार गौशाला की सांभ-संभाल के लिए निगम की ओर से विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं से आवेदनों की मांग की गई थी, क्योंकि पहले से गौशाला संभाल रही संस्था विश्व हिंदू शक्ति का ठेका समाप्त हो गया था। इस संबंधी आज निगम दफ्तर में जरूरी प्रक्रिया उपरांत एकता गौसेवक सोसायटी को निगम गौशाला में गौधन की सांभ-संभाल के लिए 40 रुपए प्रति गौधन के हिसाब से ठेका अलाट कर दिया गया।
विश्व हिंदू शक्ति संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल शर्मा ने आरोप लगाया कि उनकी संस्था की ओर से पिछले समय दौरान सरकारी गौशाला में गौधन की सेवा संभाल की जिम्मेदारी ली गई थी तथा निगम की ओर से उनकी संस्था को प्रति महीना 1 लाख 65 हजार रुपए दिए जाते थे, जो प्रति गौधन 16 रुपए बनते हैं, जबकि अब निगम की ओर से यही काम प्रति गौधन 40 रुपए के हिसाब से देकर सवा 4 लाख रुपए में करवाया जाएगा, जो लोगों के पैसों का दुरुपयोग है।
राजनीतिक दखलअंदाजी के कारण गौशाला की संभाल न करने का लिया निर्णय : राहुल शर्मा
राहुल शर्मा ने आरोप लगाया कि पिछले समय दौरान उनके द्वारा गौधन की सांभ-संभाल हेतु निगम से बिल पास करवाने के लिए जहां अधिकारियों के आगे गिड़गिड़ाना पड़ता था, वहीं कुछ अधिकारी कथित तौर पर बिल पास करने के नाम पर कथित हिस्सा-पत्ती की मांग भी करते थे।
वह इस मामले को विजीलैंस तथा स्थानीय सरकारें विभाग के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पास लेकर जाएंगे ताकि इस मामले की बारीकी से जांच करके पब्लिक फंडों का दुरुपयोग होने से बचाया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी संस्था द्वारा शहरवासियों तथा समाजसेवियों के सहयोग से निगम से बहुत कम रकम लेकर गौशाला की सेवा की जा रही थी तथा संस्था भविष्य में भी उसी रेट पर गौशाला संभालने के लिए तैयार थी, लेकिन शहर के कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा गौशाला के नाम पर शुरू की राजनीति के बाद उनकी संस्था ने आगे भविष्य में गौशाला की सेवा-संभाल के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
नियमानुसार की गई गौशाला की अलाटमैंट : मेयर
इस संबंधी जब नगर निगम मोगा मेयर अक्षित जैन से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि निगम द्वारा सरकारी नियमानुसार गौशाला का ठेका दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पशु पालन विभाग द्वारा राय लेने उपरांत ही प्रति गौधन 40 रुपए के हिसाब से निगम अदायगी करेगा।
उन्होंने बताया कि आज गौशाला का ठेका अलाट करते समय शहर की 6 संस्थाओं ने आवेदन दिए थे, जिनमें से एकता गौसेवक सोसायटी को ठेका अलाट कर दिया गया। गौशाला की निगरानी तथा सांभ-संभाल के लिए सेवा की चाहवान 6 संस्थाओं के प्रतिनिधियों समेत एक एडवाइजरी कमेटी भी बनाई गई है, जिसमें वह खुद, कमिश्नर निगम, सहायक कमिश्नर निगम, संबंधित इलाके का पार्षद तथा नगर निगम के चीफ सैनेटरी इंस्पैक्टर को शामिल किया गया है।