....तो इस कारण यहां नियुक्ति नहीं करवाना चाहते अध्यापक

Edited By swetha,Updated: 03 Sep, 2018 03:17 PM

government school ajanala

अजनाला में कई सरकारी स्कूल केवल एक अध्यापक के सिर पर चल रहे हैं। इसके चलते यहां अध्यापकों पर बोझ बढ़ रहा है। वहीं  छात्र भी असमंजस में है। अजनाला के सरकारी मिडल स्कूल सारंग देव में 294  छात्रों को केवल 1 अध्यापक पढ़ा रहा है। वहीं सरकारी मिडल स्कूल...

अजनालाःअजनाला में कई सरकारी स्कूल केवल एक अध्यापक के सिर पर चल रहे हैं। इसके चलते यहां अध्यापकों पर बोझ बढ़ रहा है। वहीं  छात्र भी असमंजस में है। अजनाला के सरकारी मिडल स्कूल सारंग देव में 294  छात्रों को केवल 1 अध्यापक पढ़ा रहा है। वहीं सरकारी मिडल स्कूल शेख भट्टी में 169 छात्रों के लिए विभागीय तौर पर कोई भी अध्यापक नियुक्त नहीं है।

 हालांकि, जिला शिक्षा विभाग द्वारा एक शिक्षक की नियुक्ति की गई है।  अजनाला के यह स्कूल भारत-पाक सीमा के पास स्थित है। इन स्कूलों को कुशलतापूर्वक चलाने के लिए शिक्षण और सहायक कर्मचारियों की सख्त जरूरत है। शिक्षक जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को ज्ञान देना होता है वह स्कूल की प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त है।

सरकारी मिडिल स्कूल में  सरंग देव में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए एक अस्थायी अध्यापक की  नियुक्ति की गई है। गांववासी छात्रों को पढ़ाने के लिए खुद आगे आ रहे हैं । इस स्कूल में छठी,सातवीं तथा आठवीं का एक ही सैक्शन है। ऐसा हाल कई स्कूलों का है। अध्यापकों को एक समय में 2 कक्षाएं एक साथ लगानी पढ़ती है।  इस संबंधी शेख भट्टी के पंचायत सदस्यों का कहना है कि सीमावर्ती इलाका होने के कारण कोई अध्यापक यहां रहना नहीं चाहता।  वह खदु अपने बच्चों को खुद शिक्षित होते देखना चाहते हैं। पूर्व डिप्टी जिला शिक्षा अधिकारी रेखा महाजन ने इस मामले की तरफ ध्यान देने का कहा था कि, जबकि नए नियुक्त डी.ई.ओ. (माध्यमिक) सलविंदर सिंह ने कहा कि जिन स्कूलों में अध्यापक की संख्या  अधिक है, उन्हें इस स्कूलों में भेजा जाएगा।

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