Edited By swetha,Updated: 21 Apr, 2019 10:13 AM
सरकारी मैडीकल कालेज के अधीन चलने वाले बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में मरीजों के परिजनों से डाक्टर सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। मरीज के पति ने अस्पताल की सीनियर महिला डाक्टर पर उन्हें ‘डंगर’ तथा डाक्टर उनके नौकर नहीं है इत्यादि भद्दी...
अमृतसर(दलजीत): सरकारी मैडीकल कालेज के अधीन चलने वाले बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में मरीजों के परिजनों से डाक्टर सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। मरीज के पति ने अस्पताल की सीनियर महिला डाक्टर पर उन्हें ‘डंगर’ तथा डाक्टर उनके नौकर नहीं है इत्यादि भद्दी शब्दावली कह कर जलील करने के आरोप लगाए हैं। जानकारी के अनुसार संगीता (23) वर्षीय का 14 अप्रैल को सरकारी अस्पताल जोगियार पठानकोट में प्रसव हुआ था। प्रसव के बाद उसके घर में बेटी पैदा हुई।
अचानक ही संगीता के सीने में तेज दर्द होने तथा सांस न आने की तकलीफ बढ़ गई। संगीता को सरकारी अस्पताल जोगियार के डाक्टरों द्वारा गुरदासपुर सरकारी अस्पताल भेजा गया परन्तु वहां पर भी इसका इलाज होने के कारण उसे बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में दाखिल करवाया गया। संगीता के पति संदीप कुमार ने कहा कि आई.सी.यू. में उसकी पत्नी का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जा रहा। सारी दवाइयां बाहर से मांगवाई जा रही हैं और परेशान किया जा रह है। वह बहुत गरीब है तथा किसी दुकान पर काम करता है। बाहर से दवाइयां आने के कारण 3 दिन से उसने रोटी भी नहीं खाई है।
उसने कहा कि अस्पताल की सीनियर डाक्टर उपासना का व्यवहार उनके मरीज के प्रति तथा उनके प्रति ठीक नहीं है। जब वह अपने मरीज संबंधी डाक्टर उपासना से बातचीत करते हैं तो वह उन्हें कहती है ‘तुसी डंगर हो, असी तुहाडे नौकर नहीं’ बार- बार हमें अपने मरीज संबंधी न पूछो। संदीप ने कहा कि कहने को यह सरकारी अस्पताल है परन्तु दवाइयां तथा टैस्ट बाहर से करवाए गए हैं। उनका मरीज बिल्कुल ठीक है परन्तु उसको जानबूझ कर आई.सी.यू.में रखकर उन्हें परेशान किया जा रहा है। उधर दूसरी ओर समाज सेवक राजिन्द्र ने कहा कि अस्पताल के कुछ डाक्टरों का व्यवहार ठीक नहीं है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
आरोप बेबुनियाद : डा. उपासना
इस संबंधी जब डाक्टर उपासना से फोन पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद्ध बताया कि संगीता जब दाखिल हुई तो उसे छाती से संबंधित बीमारी थी। मरीज के परिजन काफी दिनों से जिद्द कर रहे हैं मरीज को छुट्टी दे दे, वह इलाज नहीं करवा सकते। परन्तु उन्होंने मरीज की हालत को देखते हुए ही यहां पर दाखिल रखा है, अगर मरीज के परिजन ज्यादा जिद्द करेंगे तो उनसे लिखवाकर संगीता को छुट्टी दे दी जाएगी।
शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच करवाई जाएगी : मैडीकल सुपरिटैंडैंट
अस्पताल के मैडीकल सुपरिटैंडैंट डा. शिवचरण ने कहा कि पीड़ित परिवार द्वारा शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच करवाई जाएगी। अभी तक ऐसा कोई भी मामला उनके ध्यान में नहीं आया है।