Edited By Sunita sarangal,Updated: 13 May, 2021 04:33 PM
पंजाब सरकार राज्य के सरकारी कॉलेजों को आर्थिक सहायता देने की बजाय उनसे ही नए कॉलेज खोलने के लिए आर्थिक सहायता मांग रही है.....
लुधियाना(विक्की): पंजाब सरकार राज्य के सरकारी कॉलेजों को आर्थिक सहायता देने की बजाय उनसे ही नए कॉलेज खोलने के लिए आर्थिक सहायता मांग रही है, जो कि अति शर्मनाक होने के साथ-साथ निंदनीय है। यह आरोप आज उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेशों की कॉपी को ट्वीट करते हुए पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने पंजाब सरकार पर लगाए।
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि डायरेक्टर शिक्षा विभाग पंजाब द्वारा एक पत्र जारी करते हुए राज्य के विभिन्न सरकारी कॉलेजों को पंजाब सरकार द्वारा नए खोले जाने वाले कॉलेजों के लिए प्रति कॉलेज 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। इन आदेशों में कहा गया है कि कॉलेज के पास जिस फंड में 5 लाख रुपये से अधिक रकम उपलब्ध हो उसे डी.पी.आई. (कॉलेज) के हायर एजुकेशन वेलफेयर फंड के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाए।
उन्होंने ट्वीट करते कहा कि पंजाब सरकार शायद यह भूल चुकी है कि राज्य के सभी सरकारी कॉलेज पहले ही आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। उन्हें आर्थिक पैकेज देने की बजाय राज्य सरकार अब उनसे ही आर्थिक सहायता मांग रही है। चीमा ने आगे कहा कि इतना ही नहीं कॉलेजों में नए सेशन से क्लास शुरू करने के लिए नए स्टाफ की भर्ती करने और नया सामान खरीदने की बजाय सरकार द्वारा अन्य सरकारी कॉलेजों से स्टाफ और सामान को नए कॉलेजों में शिफ्ट भी किया जा रहा है। ऐसे में पहले चल रहे कॉलेजों में कैसे पढ़ाई होगी और यह जुगाड़ सिस्टम कैसे सफल होगा यह तो पंजाब के मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री ही अच्छी तरह बता सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य का शिक्षा तंत्र पूरी तरह फेल कर दिया है। उन्होंने कहा कि जहां सरकारी स्कूलों का शिक्षा तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका है वही अब राज्य सरकार कॉलेजों में भी शिक्षा तंत्र की दुर्दशा करने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि नए खोले जाने वाले कॉलेजों के साथ-साथ पुराने कॉलेजों को भी आर्थिक सहायता दी जाए ताकि वहां पर शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाया जा सके।
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