Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Sep, 2017 11:17 PM
खेतीबाड़ी विभाग हर साल सफेद मक्खी से बर्बाद होती कपास की फसल का कोई हल नहीं निकाल..
चंडीगढ़: खेतीबाड़ी विभाग हर साल सफेद मक्खी से बर्बाद होती कपास की फसल का कोई हल नहीं निकाल पा रहा है और आजकल तो सारा विभाग किसानों को धान की पराली को आग लगाने से रोकने के लिए धमकियां देने पर पूरा जोर लगा रहा है। धान की पराली खेतों से निकालने के लिए 4 से 5 हजार रुपए प्रति एकड़ खर्चा आता है।
विभाग के पास इसका कोई जवाब नहीं कि यह खर्चा किसान कहां से पूरा करें। यह बात आज यहां जारी बयान में भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कही। उन्होंने कहा कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तो सरकार को यह भी हिदायत दी थी कि वह अढ़ाई एकड़ तक की मालिकी वाले किसानों को मुफ्त, 5 एकड़ तक वालों को 5 हजार रुपए एवं इससे अधिक जमीन के मालिकों को खेतों में पराली निकालने के लिए 25 हजार रुपए प्रति मशीन दे।
उन्होंने कहा कि सरकार अपना काम करने में बुरी तरह विफल रही है एवं किसी भी किसान को कोई मशीन लेकर नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि अब तक उनके पास पंजाब के विभिन्न जिलों से सवा लाख किसान परिवारों के मुख्यमंत्री के नाम नोटिस पहुंच गए हैं। ये नोटिस 18 सितम्बर को चंडीगढ़ में बड़े स्तर पर एकत्र होकर मुख्यमंत्री को सौंपे जाएंगे।