Edited By Vatika,Updated: 02 Aug, 2018 04:56 PM
हौसले बुलंद हों और कुछ करने का जोश हो तो इसमें उम्र बाधक नहीं होती। इस बात को सिद्ध किया है पंजाब के पटियाला कि कुलवंत कौर ने, जिसे 'गूगल बेबे' के नाम से भी जाना जाता है।
फतेहगढ़ साहिब: हौसले बुलंद हों और कुछ करने का जोश हो तो इसमें उम्र बाधक नहीं होती। इस बात को सिद्ध किया है पंजाब के पटियाला कि कुलवंत कौर ने, जिसे 'गूगल बेबे' के नाम से भी जाना जाता है।
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब स्थित गांव मनैला की रहने वाली कुलवंत कौर के दिमाग के आगे कंप्यूटर की स्पीड कुछ भी नहीं । कुलवंत कौर को भारतीय इतिहास की हर छोटी से छोटी जानकारी है, यहां तक की राजा महाराज के जीवनकाल से जुड़ी हर एतिहासिक बात गूगल बेबे के दिमाग में हैं। वह हर बात का जवाब बिना देरी किए दे देती है। इतना ही नहीं यहूदी, ईसाई, इस्लाम, बोधी, हिंदू और सिख आदि धर्म गुरुओं, उनके माता-पिता उनकी शिक्षाओं लिखित वाणियों, उपदेशों आदि की जानकारी भी टिप्स पर रखती हैं।
बताया जाता है कि 'गूगल बेबे' पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेकर धर्म अध्ययन विभाग में रिफ्रेशर कोर्स शुरू करेंगी। इसके लिए सरबत दा भला ट्रस्ट के एसपी सिंह ओबराय ने उनकी बात यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से करवाई तो उनके प्रश्नों के उत्तर कुलवंत कौर ने तुरंत देकर उन्हें भी प्रभावित कर दिया। फिर उनको दाखिला मिल गया।55 साल की कुलवंत कौर साधारण जमींदार परिवार से ताल्लुक रखती है लेकिन उनका जन्म आगरा में हुआ। वहीं से कुलवंत कौर ने चौथी कक्षा तक पढ़ाई की। कुछ घरेलू हालात के कारण वह आगे पढ़ नहीं पाई लेकिन बचपन में उनके घर आने वाले कपड़ा व्यापारी रामलाल 'डग्गी वाले' उनके पिता से मिलने आते तो घंटों धार्मिक विषयों पर बातें करते। घंटों उनकी बातें सुनते-सुनते कुलवंत कौर को किताबें पढ़ने का शौंक पैदा होने लगा। किताबें पढ़ने के जुनून के साथ बाद में उन्हें पता चला की जो अध्य्यन वह पढ़ चुकी हैं उनकी एक-एक बात उसे याद है।