Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Nov, 2017 11:03 AM
देश में जी.एस.टी. को लागू हुए 5 महीने होने को हैं। केन्द्र सरकार जी.एस.टी. के नियमों में दर्जनों परिवर्तन कर चुकी है परन्तु फिर भी कारोबारी वर्ग को जी.एस.टी. से आ रही परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। कारोबार जगत में व्याप्त रोष को देखते हुए...
जालंधर(खुराना): देश में जी.एस.टी. को लागू हुए 5 महीने होने को हैं। केन्द्र सरकार जी.एस.टी. के नियमों में दर्जनों परिवर्तन कर चुकी है परन्तु फिर भी कारोबारी वर्ग को जी.एस.टी. से आ रही परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। कारोबार जगत में व्याप्त रोष को देखते हुए केन्द्र व राज्य स्तर के अधिकारियों को निर्देश मिले हैं कि वे व्यापारी वर्ग के साथ बैठकें करके जी.एस.टी. कौंसिल तक व्यापारियों की मांगें पहुंचाएं ताकि जी.एस.टी. को सही भावना में लागू किया जा सके। इसी उद्देश्य के अन्तर्गत आज सैंट्रल जी.एस.टी. और पंजाब जी.एस.टी. के उच्चाधिकारियों संग जालंधर के उद्योगपतियों व व्यापारी वर्ग की एक बैठक स्थानीय सॢकट हाऊस में हुई। सैंट्रल जी.एस.टी. का नेतृत्व विभाग की डिप्टी कमिश्नर दलजीत कौर तथा पंजाब जी.एस.टी. का नेतृत्व डी.ई.टी.सी. जसपिन्द्र सिंह ने किया।
इस अवसर पर सैंट्रल एक्साइज के असिस्टैंट कमिश्नर आर.के. शर्मा, ई.ई.टी.सी. परमजीत सिंह भी मौजूद थे। व्यापारी वर्ग का नेतृत्व ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कन्वीनर गुरशरण सिंह ने किया, जिन्होंने बताया कि वैट रिफंड से परेशान व्यापारी वर्ग पर अब जी.एस.टी. रिफंड की मार पड़ी है जिस कारण व्यापारियों की सारी पूंजी सरकारी खजानों में जमा हो गई है। इसके कारण कई यूनिट भारी वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं जिसका जल्द हल न निकला तो नौबत तालाबंदी तक पहुंच सकती है। श्री गुरशरण ने कहा कि वह उसी सरकार के साथ चलेंगे, जो व्यापारियों के हित में काम करेगी। बैठक दौरान उद्योगपति गुरचरण सिंह ने कहा कि वैट रिफंड को लेकर विभाग के अधिकारी फाइलें क्लीयर नहीं कर रहे। इस पर ए.ई.टी.सी. ने बताया कि अब फाइलों की जांच सख्ती से की जा रही है क्योंकि कुछ तत्वों द्वारा फर्जीवाड़ा किए जाने के कारण यह नौबत आई, फिर भी सही कार्य करने वाले व्यापारियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
शूगर के होलसेल व्यापारी कृष्ण लाल तथा प्रीतम सिंह लूथरा ने किराए-भाड़े पर अदा किए गए जी.एस.टी. का मुद्दा उठाया और मांग रखी कि इसे रिवर्स चार्ज से मुक्त किया जाए या रिफंड को अगली रिटर्न में ऑटोमैटिक एडजस्ट किया जाए। विभागीय अधिकारियों ने कहा कि किराए-भाड़े पर रिवर्स चार्ज का प्रावधान अभी लागू है। फिलहाल यह मामला केन्द्र से संबंधित है, इसलिए राज्य सरकार के अधिकारी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते। व्यापारियों को किराए इत्यादि पर दिए गए जी.एस.टी. का रिफंड मिलेगा, वह एडजस्ट नहीं हो सकता। पंजाब मोटर-पाटर््स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जोगिन्द्र सिंह भाटिया ने रिटर्न में करैक्शन का मुद्दा उठाया और कहा कि अगर एक निर्माता ने गलत एच.एस.एन. कोड बिल में डाल दिया है तो बाकी चैनल की जिम्मेदारी भी उसी पर होनी चाहिए। सभी व्यापारियों को इसके लिए जिम्मेदार नहीं बनाया जाना चाहिए।