भारत में सिखों की दुर्दशा को देखते हुए अलग राष्ट्र की मांग अनुचित नहीं : ज्ञानी हरप्रीत सिंह

Edited By Vatika,Updated: 14 Sep, 2020 09:05 AM

giani harpreet singh

गत समय में खालिस्तान के समर्थन में प्रतिक्रिया दे चुके श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने रविवार

तलवंडी साबो: गत समय में खालिस्तान के समर्थन में प्रतिक्रिया दे चुके श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने रविवार यहां एक समारोह में सिखों के लिए एक अलग राष्ट्र की मांग का समर्थन किया।ऑल इंडिया सिख स्टूडैंट्स फैडरेशन (ग्रेवाल) के 76वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर तख्त साहिब के गुरुद्वारा भाई बीर सिंह भाई धीर सिंह में संगत को संबोधित करते हुए ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि भारत में सिखों की दुर्दशा को देखते हुए एक अलग राष्ट्र की मांग अनुचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के समय सिखों ने भारत के साथ रहने का फैसला किया था, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि इस देश में वे स्वयं, उनका धर्म, उनके पंथ, मर्यादाएं सुरक्षित रहेंगी लेकिन इस देश में न तो सिख सुरक्षित हैं, न ही सिख धर्म व सिख पंथ और न ही मर्यादाएं सुरक्षित हैं। इतना ही नहीं सिखों के धार्मिक ग्रंथ तक सुरक्षित नहीं हैं, इसलिए अगर सिख समय-समय पर अलग राष्ट्र की मांग करते हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है।

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