Edited By Vaneet,Updated: 18 Oct, 2018 10:43 PM
दिनभर चल रही अटकलों के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिह अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफ पर ज्ञानी,....
अमृतसर(ममता): अलग-अलग पंथक संगठनों के विरोध के कारण पिछले लंबे समय से अलग-अलग फैसलों को लेकर विवादों में घिरे श्री अकाल तख्त साहब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने आज देर शाम अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है।
यह इस्तीफा उन्होंने आज देर शाम को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान को भेजने के साथ-साथ मीडिया को भी ई-मेल के द्वारा भेजा। इस्तीफे में चाहे जत्थेदार की ओर से अपनी सेहत और बड़ी उम्र तकाजा बताते हुए अपनी, सेवाएं देने से असमर्थता जाहिर की, परन्तु साथ ही उन्होंने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख को माफी देने संबंधी लिए गए फैसले पर भी अपनी भूल का एहसास करते पूरे खालसा पंथ से माफी मांगी।
जत्थेदार ने इस्तीफे में कहा कि उन्होंने श्री अकाल तख्त साहब जी की सेवा शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी, समूचे धार्मिक संगठनों, सभा सोसायटियों और समूह संगत के सहयोग से लगातार 10 साल से इस सेवा निभाई। वे रोम-रोम से समूचे खालसा पंथ के ऋणी हैं जिसने समय-समय सिर पंथ में आईं पेश मुश्किलों को हल करने के लिए दास को सहयोग बख्शा।
सिरसे वाले साधु से संबंधित लिए गए फैसले प्रति किंतु-परंतु भी हुआ हैं। खालसा पंथ की भावनाों का सम्मान करते हुए सिंह साहबानों की राय के साथ दिया फैसला वापस ले लिया गया। उन्होंने कहा कि वे हमेशा गुरू ग्रंथ और गुरू पंथ को समर्पित है और अंतिम सांस तक रहेंगें। गुरबानी के फुरमान अनुसार जीव गलतियों करने वाला है, अपने सेवा काल दौरान जाने-अनजाने में हुई गलतियां अपनी झोली डालता हुआ दास समूचे खालसा पंथ से क्षमा याचना करता है।