विरोध के बाद ज्ञानी गुरबचन सिंह के बेटे ने छोड़ा पशु मेलों का कारोबार

Edited By Vatika,Updated: 22 Sep, 2018 02:11 PM

giani gurbachan singh

सोशल मीडिया पर निशाना बनाए जाने के बाद श्री अकाल साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के बेटे और पूर्व अकाली चेयरमैन मनजिन्दर सिंह बिट्टू ने इस बार पशु मेलों का कारोबार छोड़ दिया है।

बठिंडा: सोशल मीडिया पर निशाना बनाए जाने के बाद श्री अकाल साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के बेटे और पूर्व अकाली चेयरमैन मनजिन्दर सिंह बिट्टू ने इस बार पशु मेलों का कारोबार छोड़ दिया है। 

विधानसभा में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पेश होने के बाद ज्ञानी गुरबचन सिंह का चारों तरफ विरोध हो रहा था। अकाली दल ही नहीं बल्कि जत्थेदारों की तरफ से खुलकर ज्ञानी गुरबचन सिंह का विरोध किया जा रहा है। पूर्व चेयरमैन मनजिन्दर सिंह बिट्टू ने 2018 -19 के पंजाब के पशु मेलों का ठेका लेने के लिए सरकारी स्तर पर पहुंच की थी लेकिन इस बार उन्हें यह नहीं मिल सका है। ग्रामीण विकास पर पंचायत विभाग से सूचना अधिकार कानून (आर. टी. आई.) के तहत प्राप्त रिकार्ड के अनुसार इस बात की पुष्टि हुई है कि जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के बेटे मनजिन्दर सिंह बतौर हिस्सेदार पशु मेलों के ठेके लेने का कारोबार करते हैं।

हालांकि वह यह कारोबार नियमों के अनुसार और सरकारी खजाने को ठेके की पूरी राशी अदा कर रहे थे लेकिन जत्थेदार के परिवार से होने के कारण उन पर नैतिक नजरिए से अंगुली उठ रही थी। बताया जाता है कि पंचायत विभाग ने इस बार पशु मेलों का ठेका राजपुरा आधारित फर्म को 72.02 करोड़ में दिया है। पंचायत विभाग के पास साल 2018 -19 के पशु मेलों का ठेका लेने के लिए पूर्व चेयरमैन मनजिन्दर सिंह बिट्टू ने 9 जुलाई 2018 को सिक्योरिटी ड्राफ्ट जमा करवाया था। कुल 12 व्यक्तियों ने ऐसे ड्राफ्ट जमा करवाए थे। 

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