Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 11:12 AM
गत दिवस गांव काला घन्नूपुर के समीप स्थित डेरा बाबा दर्शन सिंह पर लगे मेले के दौरान गुब्बारे में भरी जाने वाली गैस के सिलैंडर में विस्फोट होने से करीब 8 बच्चे घायल हो गए थे। अस्पताल में भर्ती घायल बच्चों का हाल-चाल जानने के लिए स्थानीय निकाय मंत्री...
अमृतसर (महेन्द्र, कमल, दलजीत): गत दिवस गांव काला घन्नूपुर के समीप स्थित डेरा बाबा दर्शन सिंह पर लगे मेले के दौरान गुब्बारे में भरी जाने वाली गैस के सिलैंडर में विस्फोट होने से करीब 8 बच्चे घायल हो गए थे। अस्पताल में भर्ती घायल बच्चों का हाल-चाल जानने के लिए स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू रविवार को अमनदीप अस्पताल पहुंचे। इस मौके पर हलका पश्चिम से विधायक डा. राज कुमार वेरका तथा मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू भी उनके साथ थे। सिद्धू ने उपचाराधीन सभी बच्चों की जहां सरकार की तरफ से पूरी मदद करने का भरोसा दिलाया, वहीं उन्होंने कहा कि इन सभी बच्चों के ईलाज पर होने वाला सारा खर्च पंजाब सरकार खुद वहन करेगी। सिद्धू ने कहा कि उन्होंने इस हादसे की जानकारी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को दे दी है और उन्होंने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए हर प्रकार की मदद देने का पूरा विश्वास दिलाया है। उन्होंने कहा कि यह हादसा हृदय विदारक है, घायल बच्चों को देख कर उन्हें बहुत पीड़ा हो रही है।
उन्होंने पीड़ित परिवार को कहा कि इलाज का पूरा खर्च पंजाब सरकार करेगी। बच्चे के इलाज तथा आम जीवन व्यतीत करने के लिए अगर किसी भी प्रकार के सामान की जरूरत होगी, तो सरकार वह भी उपलब्ध करवाएगी। सिद्धू ने कहा कि उन्होंने डाक्टरों से मुलाकात कर उन्हें सभी बच्चों का बढिय़ा से बढिय़ा इलाज करने का अनुरोध किया है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से भी कहा कि इन सभी बच्चों का बढिय़ा इलाज करने के साथ-साथ उनके परिवारों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आनी चाहिए। घायल हुए बच्चों को अब तक 31 से अधिक बोतलें खून की चढ़ाई जा चुकी हैं। गांव काले के नौजवान सिंह सभा के सदस्यों की ओर से दिन-रात बच्चों के लिए खून उपलब्ध करवाया जा रहा है। डाक्टरों के अनुसार आने वाले समय में और खून की जरूरत पड़ सकती है। नौजवानों की ओर से पहले ही खून का इंतजाम किया जा रहा है।
घायल बच्चे गरीब परिवारों से
गैस सिलैंडर हादसे में घायल हुए सभी बच्चे गरीब परिवारों से संबंधित हैं। एक बच्चा तो ऐसा भी है जिसके माता-पिता नहीं हैं और दादा ही उसका पालन-पोषण कर रहा है। जिन 2 बच्चों की टांग काटी गई है, उनका परिवार किराए पर रह रहा है। पीड़ित परिवार सरकार से सहायता की उम्मीद लगाए हुए है।