Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jul, 2017 11:04 PM
गोराया के अकाली नेता चूनी लाल गाबा की डायरी में कटिंग आयकर विभाग में ही हुई....
जालंधर(प्रीत): गोराया के अकाली नेता चूनी लाल गाबा की डायरी में कटिंग आयकर विभाग में ही हुई थी? यह सवाल इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि ई.डी. द्वारा दायर की गई चार्जशीट में चूनी लाल गाबा की स्टेटमैंट में स्पष्ट है कि डायरी में कटिंग उसने नहीं की।
चार्जशीट में लगी अकाली नेता चूनी लाल गाबा की स्टेटमैंट के बाद सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में ई.डी. और आयकर विभाग में पेंच फंस सकता है। 6 हजार करोड़ के ड्रग रैकेट के किंगपिन जगदीश भोला से पूछताछ के पश्चात गोराया के अकाली नेता चूनी लाल गाबा ई.डी. के टारगेट पर थे लेकिन इसी बीच अचानक आयकर विभाग ने चूनी लाल गाबा के घर, फैक्ट्रियों पर रेड कर दी। अचानक चूनी लाल गाबा पर हुई रेड को लेकर हरेक व्यक्ति के साथ-साथ खासकर ई.डी. विभाग खासा अचम्भित रहा क्योंकि सभी हैरान थे कि अचानक आयकर विभाग कैसे जाग गया? खैर, चूंकि विभागीय कार्रवाई थी, इसलिए कोई सवाल नहीं उठा और आयकर विभाग ने अपनी कार्रवाई की, लेकिन इसी बीच खुलासा हुआ कि चूनी लाल गाबा के पास से एक डायरी आयकर विभाग को मिली है, जिस पर उसके लेन-देन का हिसाब-किताब है।
सर्वविदित है कि ई.डी. अधिकारियों द्वारा ड्रग रैकेट की जांच में चूनी लाल गाबा व उसके बेटों से पूछताछ के साथ- साथ आयकर विभाग से आधिकारिक तौर पर डायरी मांगी लेकिन आयकर विभाग ने उक्त डायरी ई.डी. को नहीं सौंपी। ड्रग रैकेट की जांच के लिए डायरी अति महत्वपूर्ण होने के कारण ई.डी. ने बिना समय गंवाए अदालत की शरण ली। अदालत के निर्देशों पर आयकर विभाग ने डायरी की कापी ई.डी. को सौंपी। जब जांच शुुरू हुई तो पेजों पर कटिंग पाई गई। मामला संदिग्ध होने के कारण ई.डी. ने डायरी के कटिंग पेजों की फोरैंसिक जांच के लिए आयकर विभाग को लिखा, क्योंकि ओरिजनल डायरी आयकर विभाग के पास ही थी। आयकर विभाग द्वारा ‘लिंगर ऑन मोड’ पर होने के कारण ई.डी. को फिर से अदालत की शरण लेनी पड़ी।
अदालती आदेशों पर हुई कटिंग पेजों की फोरैंसिक जांच रिपोर्ट में ड्रग रैकेट पूर्व सी.पी.एस. अविनाश चन्द्र को 55.45 लाख रुपए, पूर्व मंत्री सरवण सिंह फिल्लौर को करीब 14 लाख 37 हजार रुपए दिए जाने का खुलासा हुआ। फोरैंसिक रिपोर्ट के बाद ड्रग रैकेट से राजनेताओं के सीधे सम्पर्कों का खुलासा हो गया। खैर, बीते दिन ई.डी. ने अपनी चार्जशीट फाइल कर दी जिसमें अकाली नेता चूनी लाल गाबा का ब्यान है कि उसने डायरी में कटिंग नहीं की। अगर इसी बयान पर गौर किया जाए तो सवाल खड़ा होता है कि तो फिर डायरी पर कटिंग किसने की? जब डायरी चूनी लाल गाबा के पास से आयकर विभाग ने जब्त की तो उस समय पेजों पर कटिंग नहीं थी।
डायरी आयकर विभाग की कस्टडी में थी तो क्या डायरी पर कटिंग आयकर विभाग में हुई? आखिर कटिंग किसने की और क्यों की? अब ई.डी. डायरी कटिंग मामले में भी जांच तेजी से कर रही है। जल्द ही डायरी कटिंग मामले में कानूनी कार्रवाई को लेकर ई.डी. व आयकर विभाग में पेंच फंस सकता है क्योंकि डायरी कटिंग में कई सवाल खड़े होने के साथ-साथ यह भी कयास लगाए जाने लगे हैं कि ई.डी. से पहले चूनी लाल गाबा पर हुई आयकर विभाग की अचानक रेड, डायरी ई.डी. को न देना, पेज कटिंग होना, फोरैंसिक जांच न करवाना किसी षड्यंत्र का हिस्सा तो नहीं?