Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jul, 2017 11:48 AM
पंजाब की कैप्टन सरकार द्वारा बजट सैशन में ऐलान किया गया था कि किडनी के सभी मरीजों जिनको डायलिसिस की जरूरत पड़ती है, से सरकारी अस्पतालों व अन्य मैडीकल कालेजों में डायलिसिस के लिए कोई भी फीस नहीं ..........
फरीदकोट (हाली): पंजाब की कैप्टन सरकार द्वारा बजट सैशन में ऐलान किया गया था कि किडनी के सभी मरीजों जिनको डायलिसिस की जरूरत पड़ती है, से सरकारी अस्पतालों व अन्य मैडीकल कालेजों में डायलिसिस के लिए कोई भी फीस नहीं वसूली जाएगी लेकिन असल में अभी तक किसी भी अस्पताल में ऐसे फैसले को लागू नहीं किया गया।
हालांकि अधिकारी मानते हैं कि उन्हें इस संबंध में हिदायतें आ चुकी हैं। फरीदकोट के सरकारी अस्पताल में तो नजारा कुछ अलग ही मिला। फरीदकोट के सिविल अस्पताल में डायलिसिस की मशीन ही नहीं है तो यहां मरीजों को यह सुविधा कैसे मिलेगी। वहीं फरीदकोट के गुरु गोबिंद सिंह मैडीकल अस्पताल में डायलिसिस के लिए पूरा प्रबंध है और काफी संख्या में यहां मरीज भी दूर-दूर से आकर डायलिसिस करवाते हैं लेकिन अभी भी उनसे फीस के तौर पर पैसे लिए जा रहे हैं। यहां तक कि इसमें लगने वाली मैडीकल किट व अन्य दवाइयां भी मरीज को बाहर से खरीद कर लानी पड़ती हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में एस.एम.ओ. डा. राजिंद्र कुमार ने बताया कि फरीदकोट सिविल अस्पताल में पहले डायलिसिस की एक मशीन थी, जिससे मरीजों का डायलिसिस किया जाता था लेकिन मरीज अस्पताल की बजाय मैडीकल कालेज में डायलिसिस करवाते थे क्योंकि वहां ज्यादा मशीनें और वहां के डायलिसिस की फीस भी सिविल अस्पताल से कम थी।
मरीजों की संख्या कम होने के चलते मशीन को कोटकपूरा के सिविल अस्पताल में भेज दिया ताकि क्षेत्र के मरीजों को इसका फायदा मिल सके। अब दोबारा यहां मशीन लगाने के लिए उच्चाधिकारियों को लिखकर भेजा है और जल्द ही यहां डायलिसिस मशीन लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार की हिदायतों के अनुसार कोटकपूरा में डायलिसिस के मरीजों को फ्री में यह सुविधा दी जाती है तथा लोगों को इस संबंधी होर्ड़िंग लगाकर जागरूक किया जा रहा है।
क्या कहते हैं एच.ओ.डी.
मैडीकल अस्पताल के डायलिसिस एच. ओ.डी. डा. दिव्य ने कहा कि उनके पास 10 डायलिसिस मशीनें हैं और यहां हर महीने 200 के करीब मरीज डायलिसिस के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि यहां हर मरीज से 420 रुपए अस्पताल की फीस के तौर पर लिए जाते हैं, जिसमें से कुछ सामान अस्पताल के अंदर से मिल जाता है और कुछ मरीज को बाहर से खरीदकर लाना पड़ता है जिस पर 1200 रुपए के करीब खर्च आता है। 2 बार चलने वाली डायलिसिस प्रक्रिया में अस्पताल की फीस हर बार ली जाती है।
वहीं सरकार के नए फैसले के बारे में उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत करवा दिया है जब भी कोई फैसला आता है इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसी-किसी मरीज को डायलिसिस के दौरान खून की जरूरत पड़ती है जो अस्पताल में बने ब्लड बैंक से लिया जाता है जहां मरीज को प्रोसैसिंग फीस अदा करनी पड़ती है। इस संबंधी गुरदयाल सिंह, दर्शन सिंह व वरियाम सिंह ने कहा कि सरकार के नए फैसले के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है और न ही किसी अस्पताल के डाक्टर ने उन्हें बताया है। उन्होंने कहा कि शायद आगे से यह सुविधा फ्री मिलने लगे।