आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना में फर्जीवाड़ा, कॉमन सर्विस सैंटर बना रहे फर्जी गोल्डन कार्ड

Edited By swetha,Updated: 10 Feb, 2020 12:52 PM

fraud in ayushman bharat sarbat health insurance scheme

आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना में भी फर्जीवाड़ा हो रहा है।

लुधियाना(राज): आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना में भी फर्जीवाड़ा हो रहा है। लुधियाना के अंदर बने सी.एस.सी. (कॉमन सर्विस सैंटर) पैसों के लालच में लोगों को फर्जी गोल्डन कार्ड बना रहे हैं। सिविल अस्पताल में इलाज करवाने के लिए आए कुछ लोगों के कार्ड चैक करने पर यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां बता दें कि इससे पहले फतेहगढ़ साहिब और पटियाला में भी आयुष्मान कार्ड का फर्जीवाड़ा सामाने आ चुके हैं। 

दरअसल, भारत में इलाज महंगा है। इसलिए भारत सरकार ने गरीब लोगों के इलाज के लिए आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना शुरू की थी। इसमें 6कैटगरियां बनाई गई थीं और उनमें अलग-अलग श्रेणी के लोगों को रखा गया था कि जिनका गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा। इस योजना के तहत लाभार्थी सिविल अस्पताल के अलावा कई प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज करवा सकता है। गोल्डन कार्ड के लिए सिविल अस्पताल में चार काऊंटर पर आरोग्य मित्र बिठाए गए हैं, जोकि कार्ड बना रहे हैं। इसके अलावा पंजाब सरकार की तरफ से जिस कंपनी से करार हुआ है, उसने लुधियाना के वार्ड-वार्ड में 128 कॉमन सर्विस सैंटर बनाए हैं, जोकि लोगों का कार्ड बना रहे हैं। इस कार्ड पर 124 तरह की बीमारियों का इलाज हो सकता है। 

ऐसे बन रहे हैं फर्जी कार्ड 
गोल्डन कार्ड बनाने के लिए जब किसी का नाम कंपनी की वेबसाइट पर डाला जाता है, तो उस नाम के देशभर में जितने भी लोग होते है, उनकी सूची निकल जाती है। इसके बाद शुरू होता है फर्जी कार्ड का सिलसिला। कॉमन सर्विस सैंटर वाले उन नामों से मिलते-जुलते नामों के लोगों की फोटो लगाकर नकली कार्ड बनाए जा रहे हैं। जब ऐसे कार्ड लेकर लोग अस्पताल गए, तो पारिवारिक सदस्यों के नाम व पते कार्डधारक के वेबासाइट से मैच नहीं हुए। नकली कार्ड बनने के बाद सही लाभार्थी का कार्ड नहीं बनेगा, जब तक कंपनी नकली कार्ड को रद्द नहीं करती।

लुधियाना में बने हैं 128 सी.एस. सैंटर 
पंजाब सरकार कार्ड बनाने का ठेका एक प्राइवेट कंपनी को दिया है। कंपनी की तरफ से सिविल अस्पताल में चार काऊंटर लगाए गए है। जोकि नये कार्ड बना रहे है और इसके अलावा इलाज करवाने वाले लोगों को पुरा प्रोसैस समझाते हैं। इसके अलावा कंपनी ने लुधियाना के वार्ड वाइज कुल 128 कॉमन सर्विस सैंटर बनाए हैं। इनके पास गोल्डन कार्ड बनाने के लिए आई.डी. है। जोकि लोगों के गोल्डन कार्ड बना रहे हैं। 

इलाज के लिए सिविल अस्पताल आए, चैक करने पर फर्जी निकला कार्ड
कुछ दिनों पहले लुधियाना के सिविल अस्पताल में अंजू सहगल अपने पति की किडनी की बीमारी के इलाज के लिए आई थी। डॉक्टर्स के चैकअॅप के बाद सारी फाइल बन गई। जब क्लेम के लिए आयुष्मान कार्ड सैंटर पर गया तो पता चला कि उक्त कार्ड के सदस्यों की मैचिंग नहीं हो रही है। महिला ने बताया कि उसने हंबड़ा रोड स्थ्ति एक सी.एस.सी. सैंटर से कार्ड बनवाया था। ऐसे ही सतपाल सिंह के साथ भी हुआ। जब बीमारी के लिए कार्ड चैक करवाया, तो वह फर्जी निकला। इससे पहले भी पांच कार्ड ऐसे जी फर्जी सामने आ चुके है। इसलिए आरोग्य मित्र ने उक्त कार्ड कैंसल करने के लिए कंपनी को भेज दिए हैं।  

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