फ्रांस से आकर काली बेईं की सफाई कर रही यह टीचर, बोली-पंजाब की नदियों पर करूंगी रिसर्च

Edited By Updated: 04 Jan, 2017 11:34 AM

france lecturer lawrence zahra in sultanpur lodhi

फ्रांस के प्रतिष्ठित संस्थान की लेक्चरर लॉरेंस ज़ाहरा पिछले साल जब भारत आई तो पंजाब के संत बलबीर सिंह सीचेवाल के संपर्क में आई।

जालंधर: फ्रांस के प्रतिष्ठित संस्थान की लेक्चरर लॉरेंस ज़ाहरा पिछले साल जब भारत आई तो पंजाब के संत बलबीर सिंह सीचेवाल के संपर्क में आई। वह संत सीचेवाल से इतनी प्रभावित हुई कि उसने पवित्र बेईं में की सफाई में भी हाथ बंटाया। लॉरेंस दो बार सुल्तानपुर लोधी आ चुकी हैं। लॉरेंस जब तक सुल्तानपुर लोधी में रहीं, उन्होंने कभी प्रसादा तो कभी बेई में कार सेवा में जरूर भाग लिया। वह पिछले दस साल से भारत में रहकर कई अलग-अलग विषयों पर रिसर्च कर चुकी है। पेरिस के इनालको (नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर ओरिएंटल लैंग्वेजिस) संस्थान में मानव जाति विज्ञान (एंथ्रोपोलॉजी) पढ़ाने वाली लॉरेंस ने बताया कि पिछले साल जब वह भारत आई तो संत सीचेवाल से मुलाकात के बाद सुल्तानपुर लोधी स्थित निर्मल कुटिया, अमृतसर श्री हरिमंदिर साहिब और गुरु घरों में जाने का मौका मिला।

वह संत सीचेवाल के काम से इतनी प्रभावित हुई कि वह उनके मिशन से जुड़ गई। लॉरेंस ने बताया कि उसकी अब सिख पंथ की शिक्षाओं में गहरी रूचि बन गई है। लॉरेंस ने कहा कि वह चाहती है कि पश्चिमी देश भी संत के नदी साफ करने के गुर सीखे। लॉरेंस ने बताया कि उसने यहां रहकर मक्की की रोटी, पंजाबी के और व्यंजन आदि बनाने सीख लिए हैं साथ ही वह परांठे भी बना लेती है। लॉरेंस ने कहा कि वह 2018 में वापिस फिर भारत आएगी और पंजाब की नदियों को साफ करने आदि पर फिर रिसर्च करेगी।

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