Edited By Updated: 16 Nov, 2016 04:13 PM
सतलुज-यमुना लिंक नहर पर बुधवार को पंजाब सरकार ने सदन में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें राजस्थान और हरियाणा से पानी की रॉयल्टी मांगी। इस प्रस्ताव के विरोध में जैसे ही बैंस बंधु वेल में उतरे और पूरा प्रस्ताव संशोधित करा दिया।
चंडीगढ़ः सतलुज-यमुना लिंक नहर पर बुधवार को पंजाब सरकार ने सदन में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें राजस्थान और हरियाणा से पानी की रॉयल्टी मांगी। इस प्रस्ताव के विरोध में जैसे ही बैंस बंधु वेल में उतरे और पूरा प्रस्ताव संशोधित करा दिया।
इस मौके बैंस बंधुआें ने कहा कि अकाली दल और भाजपा की गठबंधन की सरकार एस.वाई.एल. पर लोगों काे गुमराह कर रही है। बादल सरकार ने पहले तो एस.वाई.एल. मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब का पक्ष कमजोर किया और अब रॉयल्टी बिल लाकर पूरे मामले पर राजनीति कर रही है।
बैंस बंधू का कहना है कि पंजाब सरकार ने एस.वाई.एल. पर जानबूझ कर क़ानूनी रूप में पंजाब का केस कमजोर किया और इसी कारण 'आवाज-ए-पंजाब' मोर्चा से जुड़े विधायकों ने इस्तीफा दिया है। उन्होंने परगट सिंह के साथ इस्तीफा दे दिया है और डा. नवजोत कौर सिद्धू ने भी अपना इस्तीफा मेल से विधानसभा स्पीकर को भेज दिया हैं।
सिमरजीत सिंह बैंस जिले के आत्मनगर और बलविंदर सिंह बैंस लुधियाना दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। परगट सिंह जालंधर से विधायक हैं अौर उन्हें पिछले दिनों अकाली दल से निकाल दिया गया था। डा. नवजोत कौर सिद्धू अमृतसर से विधायक हैं।
इससे पहले कांग्रेस के 42 विधायकों सहित 43 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। इन विधायकों ने एस.वाई.एल. नहर के मामले पर सुप्रीम कोर्अ के फैसले के बाद इस्तीफा दे दिया था। इन इस्तीफों पर अभी स्पीकर ने कोई फैसला नहीं किया है।