Edited By Vatika,Updated: 03 Oct, 2020 10:21 AM
बहबलकलां गोलीकांड में मुख्य आरोपी पर वायदा माफ गवाह इंस्पैक्टर प्रदीप सिंह द्वारा ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट चेतन शर्मा की अदालत में दिए 19 पन्नों के बयान से खुलासा हुआ है
फरीदकोट(जगदीश) : बहबलकलां गोलीकांड में मुख्य आरोपी पर वायदा माफ गवाह इंस्पैक्टर प्रदीप सिंह द्वारा ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट चेतन शर्मा की अदालत में दिए 19 पन्नों के बयान से खुलासा हुआ है कि जो मसला पंजाब पुलिस बातचीत से हल कर सकती थी, उसके लिए बिना कारण गोलियां चलाई गईं, जिससे 2 युवकों की मौत हो गई, 2 दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गए।
बयान के अनुसार पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सैनी ने परमराज सिंह उमरानंगल को हिदायत की थी कि बहबलकलां सड़क से धरना हर हालत में उठवा दिया जाए और यदि जरूरत पड़े तो गोलियां भी चलाई जाएं। गौर हो कि इंस्पैक्टर प्रदीप सिंह मोगा के पूर्व एस.एस.पी. चरनजीत सिंह शर्मा का रीडर था और घटना वाले दिन मौके पर पूर्व एस.एस.पी. के साथ मौजूद था। बयान में उसने बताया है कि बहबलकलां गोलीकांड पूर्व डी.जी.पी. सैनी और सस्पैंडिड आई.जी. परमराज सिंह उमरानंगल तथा पूर्व एस.एस.पी. चरनजीत सिंह शर्मा के गलत रवैये से हुआ। बयान के अनुसार जस्टिस जोरा सिंह कमीशन बनने के बाद परमराज सिंह उमरानंगल ने लुधियाना में उन सभी पुलिस अफसरों की मीटिंग बुलाई थी और बहबलकलां में चलाई गोलियों की सच्चाई छिपाने के लिए उन्हें हिदायत की थी कि अपना-अपना गोली सिक्का और कारतूस पूरे कर लें, ताकि जांच के दौरान पुलिस निर्दोष साबित हो सके।