Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jul, 2017 05:55 PM
हम कई बार किताबों और असल जिंदगी में देख चुके है कि प्यार से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता। इस उदाहरण को सच कर दिखाया है फ्रांस की डॉ लारेंस लीक्वीयर
जालंधर: हम कई बार किताबों और असल जिंदगी में देख चुके है कि प्यार से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता। इस उदाहरण को सच कर दिखाया है फ्रांस की डॉ लारेंस लीक्वीयर ने जो कि लड़के के प्यार की खातिर पंजाब लौट आई, जिसे वह अपनी मां मानता है।
विश्व के 16 देशों में घूम चुकी है लारेंस
विश्व के 16 देशों में घूम चुकी लारेंस को भारत का पंजाब राज्य खास तौर पर पसंद है। लारेंस बताती है कि पहली बार उनकी मुलाकात संत सीचेवाल के साथ हुर्इ जो ट्रेन में अपने अनुयायियों के साथ सफर कर रहे थे। साथ बैठे हरविंदर ने मुझे माता कह कर बुलाया, जिसे मेरे दिल को बहुत सकून मिला। पंजाबी कल्चर उन्हें ऐसा भाया कि पंजाब का यह उनका तीसरा दौरा है।
हरविंदर के प्यार की वजह से पंजाब में तीसरा दौरा
लारेंस फ्रांस के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इस्टर्न लेंग्वेज्स एंड सिविलाइजेशन की ओर से अपनी पी.एच.डी. डिग्री के लिए 'घूंघट' विषय पर शोध कर रही हैं। इस पर शोध कार्य के लिए सामग्री वह एक साल पहले आकर इकट्ठी कर थीं लेकिन हरविंदर के प्यार की वजह से वह दौबारा पंजाब आर्इ। हरविंदर संत सीचेवाल के सेवादार हैं और उनके लिए फोटोग्राफी करते हैं। बताया जा रहा है कि लारेंस ने मुस्लिम धर्म अपनाया हुआ है जबकि हरविंदर सिख हैं लेकिन इन दोनों के प्यार में धर्म भी आड़े नहीं आता है।