Edited By Suraj Thakur,Updated: 11 Mar, 2019 04:19 PM
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी को पंजाब में राजनीतिक गठबंधन का सहारा मिलना मुश्किल हो गया है।
जालंधर, चंडीगढ़। (सूरज ठाकुर) भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी को पंजाब में राजनीतिक गठबंधन का सहारा मिलना मुश्किल हो गया है। गठबंधन को लेकर AAP की बातचीत शिअद अकाली दल (टकसाली) के साथ जहां अधर में लटक गई है, वहीं दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी (BSP)ने भी AAP के साथ किसी भी तरह का गठबंधन करने की बात को सिरे से खारिज कर दिया है। हालांकि आम आदमी पार्टी ने पंजाब में बहुजन समाज पार्टी से भी गठबंधन की संभावनाओं का दावा किया था। BSP ने डेमोक्रैटिक फ्रंट एलांइस के साथ ही मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
AAP इसलिए BSP के साथ चाहती थी गठबंधन...
पंजाब लोकसभा चुनाव 2014 में चार सीटों पर जीत दर्ज कर आम आदमी पार्टी ने 24.4% फीसदी वोट हासिल किए थे। अगर विधानसभा चुनाव 2017 की बात की जाए तो 20 सीटें हासिल करते हुए पार्टी को 23.72% वोट मिले थे। इसी तरह बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2014 में 1.91% और विधानसभा चुनाव में 1.52% वोट हासिल किए थे। जानकारों के मुताबिक आम आदमी पार्टी का मत था कि दलितों के पास बेहतर विकल्प न होने के कारण उनका वोट शिअद और कांग्रेस को ट्रांसफर होता है। इसलिए BSP के साथ गठबंधन कर वह दलित वोट बैंक को अपने पक्ष में कर सकती है, लेकिन BSP के इनकार के साथ AAP की यह प्लानिंग अब पूरी तरह से फेल हो गई है।
BSP के साथ गठबंधन का किया जा रहा था दावा...
बहुजन समाज पार्टी के पंजाब प्रधान रछपाल सिंह ने बयान जारी कर यह सपष्ट कर दिया है कि आम आदमी पार्टी के साथ उनकी पार्टी की गठबंधन को लेकर कोई बैठक या बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि BSP डेमोक्रैटिक फ्रंट एलांइस के साथ ही मिलकर चुनाव लड़ेगी। रछपाल ने कहा कि आज सोमवार को डेमोक्रैटिक फ्रंट की बैठक होने जा रही है, जिसमें BSP अपने कुछ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर देगी। पहले यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि दोनों पार्टियों में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है और जल्द ही सीटों के ऐलान की संभावना जताई जा रही थी। AAP के मुखिया भगवंत मान ने एक बयान में खुद कहा था कि पार्टी पंजाब में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहती है और इसके लिए आलाकमान को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। आदमी पार्टी अपने 5 उम्मीदवारों का ऐलान पहले कर चुकी है, कहा जा रहा था कि बाकी 8 लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी बसपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ना चाहती थी।
टकसाली नेताओं के साथ बातचीत नहीं चढ़ रही है सिरे...
इसी बीच आम आदमी पार्टी ने शिअद से बागी हुए अकाली टकसाली दल के नेताओं के साथ भी गठबंधन को लेकर बातचीत का दौर जारी रखा हुआ है। दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लोकसभा सीटों का बंटवारा किया जा चुका है लेकिन यहां आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ है। अकाली दल टकसाली इस सीट से पूर्व डिप्टी स्पीकर बीर दविंदर सिंह को चुनाव मैदान में उतार चुका है, जबकि इसी सीट से आम आदमी पार्टी द्वारा लंबे समय से नरेंद्र शेरगिल को चुनाव मैदान में उतारने की बात कही जा रही है। आप के प्रधान भगवंत मान, विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा, उपनेता सरबजीत कौर माणुके तथा अकाली दल टकसाली नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, सेवा सिंह सेखवां, बीर दविंदर सिंह के बीच बीते चार-पांच दिनों से बैठकों का दौर जारी है। अभी तक औपचारिक रूप से गठबंधन का ऐलान नहीं हो पाया।