Edited By Updated: 24 Nov, 2016 12:50 PM
अपने राज्यों से बाहर डिस्टैंस एजुकेशन के तहत लर्निंग सैंटर चलाने वाली यूनिवर्सिटियों के खिलाफ आगामी दिनों में एफ.आई.आर. दर्ज होने के आसार बन गए हैं।
जालंधर (सुमित): अपने राज्यों से बाहर डिस्टैंस एजुकेशन के तहत लर्निंग सैंटर चलाने वाली यूनिवर्सिटियों के खिलाफ आगामी दिनों में एफ.आई.आर. दर्ज होने के आसार बन गए हैं। इस संबंध में मानव संसाधन व विकास मंत्रालय (एम.एच.आर.डी.) द्वारा यू.जी.सी. को निर्देश देते हुए ऐसी यूनिवर्सिटियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है, जो डिस्टैंस एजुकेशन के लिए बनाए नियमों की उल्लंघना कर रही हैं। गौरतलब है कि डिस्टैंस एजुकेशन के नियमों के मुताबिक कोई भी स्टेट यूनिवर्सिटी, प्राइवेट यूनिवर्सिटी या फिर सरकारी सहायता प्राप्त यूनिवर्सिटी डिस्टैंस लर्निंग कोर्स सिर्फ अपने राज्य में ही चला सकती हैं। राज्य से बाहर किसी भी यूनिवर्सिटी को डिस्टैंस लर्निंग सैंटर खोलने की इजाजत नहीं है। अगर कोई यूनिवर्सिटी इन नियमों के उलट राज्य के बाहर विद्यार्थियों को पढ़ाकर कोई डिग्री या डिप्लोमा देती है तो वह मान्य नहीं होगी।
जानकारी के मुताबिक हायर एजुकेशन के सचिव द्वारा यू.जी.सी. के चेयरमैन को पत्र लिख कर मांग की गई है कि राज्यों से बाहर लर्निंग सैंटर / पत्राचार कोर्स चलाने वाली यूनिवर्सिटियों पर तुरंत प्रभाव से एक्शन लिया जाए, क्योंकि इससे उन बच्चों के भविष्य को खतरा है जो इन यूनिवर्सिटियों के डिस्टैंस कोर्स में पढ़ाई करेंगे या कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि पत्र में कुछ यूनिवर्सिटियों के नाम भी दिए गए हैं जो राज्यों से बाहर अपने कोर्स डिस्टैंस लर्निंग सैंटरों या पत्राचार के जरिए चला रही हैं।