Edited By Sunita sarangal,Updated: 20 Sep, 2020 09:56 AM
किसान नेताओं ने कहा कि हम भी कई मरीजों को किसी और इलाज के लिए राजेन्द्रा अस्पताल लेकर आए थे, परन्तु उनको कोरोना पाजिटिव घोषित.........
पटियाला(जोसन): भारतीय किसान यूनियन उगराहां के नेतृत्व में कल भी समूचे पंजाब से आए हजारों किसानों ने मोदी सरकार के किसान विरोधी विधेयकों, पंजाब सरकार की तरफ से मांगें न मानने और कोरोना प्रबंधों के विरुद्ध राजिन्द्रा अस्पताल का घेराव किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार की बुरी नीतियों के कारण पंजाब का किसान और आम आदमी बुरी तरह पिस रहा है। सेहत विभाग ने राजिन्द्रा अस्पताल में जो कोरोना को लेकर प्रबंध किए हैं, वह बेहद घटिया हैं। इन घटिया और निकम्मे प्रबंधों के कारण ही अनगिनत लोगों की मौत हो चुकी है और अब भी मौतें हो रही हैं।
किसान नेताओं ने कहा कि हम भी कई मरीजों को किसी और इलाज के लिए राजेन्द्रा अस्पताल लेकर आए थे, परन्तु उनको कोरोना पाजिटिव घोषित करके जैसे ही कोरोना वार्ड में लेकर गए, कुछ देर बाद मौत हो गई। इसलिए सरकार के घटिया प्रबंधों और अधिकारियों के गलत व्यवहार के कारण ही लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने से भाग रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन उगराहां के नेतृत्व में लगे इस मोर्चा में किसानों ने केंद्र और राज्य सरकार को जमकर कोसा। नेताओं ने कहा कि मोदी तो किसानों को खत्म करना चाहता है परन्तु राज्य की कांग्रेस सरकार ने भी किसानों के साथ किए वायदे पूरे नहीं किए।
इस मौके पर यूनियन के जनरल सचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां, राज्य कार्यकारी प्रधान जसविन्दर सिंह सोमा लौंगोवाल, जिला नेता मनजीत सिंह नियाल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की धक्केशाही ने किसानों को परिवारों समेत सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसान सभी देश का पेट भरते हैं परन्तु यह सरकारें किसानों के परिवारों को भूखा मारने की तैयारी कर रही हैं। नेताओं ने कहा कि आज पंजाब में कर्जे में दबे किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं और इसके लिए राज्य सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार है। किसान नेताओं ने कहा कि किसानों के खिलाफ आर्डीनैंस के बाद केंद्र सरकार की तरफ से बिजली एक्ट-2020 पास करके मेहनतकश लोगों की लूट की जानी है जिसको तुरंत रद्द करने की जरूरत है।