Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Sep, 2017 06:29 PM
पंजाब में घाटे का सौदा बनी खेती और उसके लिए लिया गया कर्ज उतार नहीं पाने की हालत में आज एक और किसा.....
बठिंडा: पंजाब में घाटे का सौदा बनी खेती और उसके लिए लिया गया कर्ज उतार नहीं पाने की हालत में आज एक और किसान ने आत्महत्या कर ली। पंजाब में सीमांत किसानों द्वारा आत्महत्या करने के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के अकेलियों गांव के गुरबेग सिंह (42) नामक किसान ने हर तरफ से हताश और निराश होकर कल रात अपने खेत में जाकर जहरीली दवा पी ली जिससे उसकी मौत हो गई।
गुरबेग सिंह पर 11 लाख रुपए का कर्ज था। खेती से कमाई न होने की वजह से वह कर्जा उतार पाने में असमर्थ था। सूत्रों की मानें तो न ही सरकार किसानों को बढ़ावा दे रही है और किसान यूनियनें भी भोले-भाले किसानों का शोषण कर रही हैं। किसानों के हितों की न तो सरकार और न ही किसान यूनियनों को परवाह है।
राजनीतिक दल उन्हें अपने वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करते हैं लेकिन उनके भत्ते से किसी को कोई लेना-देना नहीं है। पंजाब में कांग्रेस की सरकार को बने छह माह होने जा रहे हैं लेकिन किसान कर्ज माफी का वादा अभी तक वादा ही बना हुआ है। राज्य सरकार ने न ही स्वामीनाथन रिपोर्ट ही लागू करवाई और न ही किसानों का कर्जा माफ किया। छोटे किसानों को खेती से लागत मूल्य तक नहीं मिल पाता ऐसे में वे कर्ज के सहारे अपनी नैया पार करने की सोचते हैं लेकिन कर्जा ही उन्हें डुबो देता है और अंत में वे आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।