Edited By Mohit,Updated: 12 Dec, 2018 08:11 PM
पंजाब के जल संसाधन मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने तेजी से गिरते भूजल को बचाने के लिए फसली विविधता पर बल देते हुए कहा कि पंजाब में गेहूं-धान के परंपरागत चक्र के कारण पानी का संकट गंभीर हो गया है और इसके लिए फसल बदलीकरण को अपनाने की बेहद जरूरत है।
चंडीगढ़ः पंजाब के जल संसाधन मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने तेजी से गिरते भूजल को बचाने के लिए फसली विविधता पर बल देते हुए कहा कि पंजाब में गेहूं-धान के परंपरागत चक्र के कारण पानी का संकट गंभीर हो गया है और इसके लिए फसल बदलीकरण को अपनाने की बेहद जरूरत है।
उन्होंने आज यहां पंजाब भवन में सिंचाई और ड्रेनेज विषय को लेकर अंतरराष्ट्रीय आयोग के प्रमुख इंजीनियर फिलिक्स ब्रिट्का रीएंडर्स के साथ विचार-विमर्श करते हुए जल प्रबंधन और संरक्षण संबंधी आधुनिक तकनीक साझा करने को कहा। भूजल संरक्षण के लिए फसली विविधता पर उन्होंने कहा कि गेहूं तथा धान की फसल से धरती का पानी काफी नीचे चला गया है जिससे पानी का गंभीर संकट पैदा हो गया है। इसलिए किसानों को फ़सली बदलीकरण के प्रति जागरूक करने की जरूरत है।
जल संसाधन प्रबंधन और सिंचाई इंजीनियरिंग, अनुसंधान और प्रशिक्षण में क्षेत्र में अनुभवी इंजीनियर फिलिक्स ने भूजल को बचाने और संरक्षण के लिए फव्वारा और ड्रिप सिंचाई प्रणाली अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने पंजाब को जल संरक्षण और प्रबंधन में हर संभव सहयोग का भरोसा भी दिया।