Edited By Mohit,Updated: 02 Feb, 2021 06:45 PM
काले कानूनों को रद्द करवाने के लिए दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसानों द्वारा बड़े स्तर पर धरना...............
चीमा मंडी (बेदी, हन्नी कोहली): काले कानूनों को रद्द करवाने के लिए दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसानों द्वारा बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। चल रहे इस किसानी संघर्ष में बहुत सारे किसानों की मौत हो चुकी है। किसानी आंदोलन में शामिल होने गए संगरूर जिले की चीमा मंडी के किसान गुरजंट सिंह पुत्र विसाखा सिंह की दिल्ली टिकरी बॉर्डर पर संघर्ष दौरान मौत हो जाने का मामला सामने आया है। इस घटना का पता लगते ही सारे इलाके में शोक की लहर फैल गई।
जानकारी अनुसार चीमा मंडी का यह किसान पिछले काफी दिनों से दिल्ली में संघर्ष में गया हुआ था, जिसकी टिकरी बॉर्डर पर ठंड लगने के कारण हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। गुरजंट सिंह की शादी नहीं हुई थी और उसके पास पौने दो एकड़ जमीन थी। उसने अपनी जमीन की वसीयत अपने भतीजे के नाम करवाई हुई थी। पता लगा है कि अभी तक मृतक किसान का शव चीमा मंडी में नहीं पहुंचा।
बता दें कि नए खेती कानूनों के खिलाफ किसान 69 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर दिन-रात आंदोलन कर रहे हैं। किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान बड़ी संख्या में सीमाओं पर पहुंच रहे हैं। खेती कानूनों को रद्द करने के लिए सरकार और किसानी की बैठकें भी हुई, जिनसे कोई समाधान नहीं हुआ। बिलों को रद्द करवाने के लिए किसानों द्वारा 26 जनवरी 2021 को किसान ट्रैक्टर परेड भी की गई, जिसके कई भारी नतीजे सामने आए।
इस संबंध में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया। अब किसानों के प्रदर्शन की मुख्य जगह सिंघु बॉर्डर पर पुलिस की देखरेख में मजदूर सीमेंट के बैरीकेड्ज की दो कतारों में लोगे की रोड लगाते हुए देखे गए। पुलिस द्वारा ऐसा इसलिए किया गया, तांकि खेती कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों की आवाजाई सीमित की जा सके।