Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jan, 2018 09:47 AM
पंजाब की लोकसभा सीटों के विश्लेषण की सीरीज में आज बात करेंगे फरीदकोट लोकसभा सीट की।
पंजाब की लोकसभा सीटों के विश्लेषण की सीरीज में आज बात करेंगे फरीदकोट लोकसभा सीट की। अकाली प्रभाव वाली इस सीट पर पिछले 3 साल में चुनावी गणित काफी बदल गया है। पंजाब केसरी के संवाददाता नरेश कुमार बता रहे हैं कि 2019 के चुनाव में इस सीट पर एक बार फिर अकाली दल और कांग्रेस में ही टक्कर हो सकती है।
अकाली प्रभाव वाली सीट है फरीदकोट
इस सीट पर पिछले चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार प्रो. साधु सिंह ने अकाली दल की परमजीत कौर गुलशन को 1,72,516 मतों के अंतर से हराया था। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार प्रो. साधु सिंह को 4,50,751 वोट हासिल हुए थे और उनके विरोध में चुनाव लड़ रही अकाली दल की उम्मीदवार परमजीत कौर गुलशन को 2,78,235 मत हासिल हुए थे। कांग्रेस इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही थी और उसे 2,51,222 मत हासिल हुए थे।
यह पहला मौका था जब किसी नई पार्टी के उम्मीदवार को फरीदकोट के वोटरों ने चुनकर संसद में भेजा। यह सीट अकाली दल के प्रभाव वाली सीट रही है और 1977 के बाद इस सीट पर हुए 11 चुनाव में अकाली दल का उम्मीदवार 6 बार चुनाव जीता है जबकि एक बार यह सीट अकाली दल (अमृतसर) ने जीती है। कांग्रेस इस सीट पर सिर्फ 3 बार चुनाव जीत सकी है।
‘आप’ की स्थिति कमजोर, कांग्रेस और अकाली मजबूत हुए
2014 के चुनाव में अप्रत्याशित नतीजा देने वाली इस सीट के वोटरों ने 2017 के विधानसभा चुनावों में अचानक अपना रुख बदल लिया और 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी की स्थिति काफी कमजोर हो गई है। 2014 के चुनाव में ‘आप’ ने इस सीट के तहत आती निहाल सिंह वाला, बाघापुराना, मोगा, धर्मकोट, फरीदकोट, कोटकपूरा और जैतो विधानसभा सीटों पर लीड बनाई थी जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में यह लीड निहाल सिंह वाला, कोटकपूरा और जैतो तक ही सीमित रह गई जबकि कांग्रेस ने बाघापुराना, मोगा, धर्मकोट और फरीदकोट सीटों के साथ रामपुराफूल और गिद्दड़बाहा सीटों पर भी लीड बना ली। इस दौरान आम आदमी पार्टी की स्थिति वोटों के लिहाज से भी कमजोर हुई है। ‘आप’ को 2017 के चुनाव में इस सीट के तहत आती विधानसभा सीटों पर 3,84,078 वोट हासिल हुए जो कि 2017 में हासिल हुए 4,50,751 वोटों के मुकाबले 66,673 वोट कम हैं जबकि इस दौरान कांग्रेस के वोटों में जबरदस्त वृद्धि हुई है। कांग्रेस को विधानसभा चुनाव के दौरान 4,46,474 वोट हासिल हुए जो कि 2014 में हासिल हुए 2,51,222 वोटों के मुकाबले 1,95,252 वोट अधिक हैं। इस बीच अकाली दल को भी इस सीट पर 76,259 वोटों का फायदा हुआ है। अकाली दल को 2014 में इस सीट पर 2,78,235 वोट हासिल हुए थे जो कि 2017 में बढ़कर 3,54,494 वोट हो गए हैं। हालांकि अकाली दल को एक भी विधानसभा सीट पर लीड नहीं हासिल हो सकी। फिर भी माना जा रहा है कि अगले चुनाव तक आम आदमी पार्टी की स्थिति कमजोर होने के कारण सीधा मुकाबला कांग्रेस और अकाली दल के बीच हो सकता है।
ऐसे रही साधु सिंह की संसद में हाजिरी
पहला सत्र 100'
दूसरा सत्र 56'
तीसरा सत्र 82'
चौथा सत्र 69'
पांचवां सत्र 24'
छठा सत्र 65'
सातवां सत्र 19'
आठवां सत्र 62'
नौवां सत्र 35'
दसवां सत्र 5'
ग्यारहवां सत्र 31'
बारहवां सत्र 95'
तेरहवां सत्र 82'
फंड का ब्यौरा
जारी फंड 17.50 करोड़
ब्याज सहित फंड 18.15 करोड़
खर्च फंड 12.69 करोड़
बचा फंड 5.46 करोड़
कुल फंड खर्च 72.51'
नोट : फंड का सारा डाटा एमपीलैड की सरकारी वैबसाइट से लिया गया है। जमीनी स्तर पर नोडल अफसर के पास खर्च का आंकड़ा अलग हो सकता है। फरीदकोट
कांग्रेस अकाली-भाजपा ‘आप’
2014 2017 2014 2017 2014 2017
निहाल सिंह वाला 17752 39739 24661 34865 75173 67313
बाघा पुराना 27747 48668 29075 41283 60833 41418
मोगा 24384 52357 22758 36583 72558 50593
धर्मकोट 25186 63238 33892 41020 51891 34615
गिद्दड़बाहा 51308 63500 48372 47288 14072 25334
फरीदकोट 21561 51026 24021 32612 53168 39367
कोटकपूरा 27047 37326 26195 33895 47247 47401
जैतों 24017 35351 29110 33064 45531 45344
रामपुरा फूल 39168 55269 39872 44884 30159 32693
संसद में साधू सिंह
हाजिरी 53'
बहस में हिस्सा 5
सवाल पूछे 36