Edited By Mohit,Updated: 16 Aug, 2019 06:26 PM
स्ट्डी वीजे पर पढ़ने के लिए कनाडा गए जिला फरीदकोट के एक लड़के की वहां भेदभरे हालात में मौत हो जाने की खबर मिली है।
फरीदकोट/कोटकपूरा (हाली, नरिन्द्र): स्ट्डी वीजे पर पढ़ने के लिए कनाडा गए जिला फरीदकोट के एक लड़के की वहां भेदभरे हालात में मौत हो जाने की खबर मिली है। परिवार की तरफ से यह जानकारी जिले के डिप्टी कमिश्नर को देने उपरांत डिप्टी कमिश्नर ने पंजाब के ग्रह विभाग को परिवार की इच्छा अनुसार मृतक की देह यहां लाने और मौत के जिम्मेदारों खिलाफ बनती कार्यवाही करने के लिए पत्र लिख दिया गया है।
कोटकपूरा निवासी मृतक के भाई अमृत चावला ने बताया कि उसका भाई पिछले साल ही स्ट्डी वीजे पर कनाडा गया था और सरी में पढ़ रहा था। उन्होंने बताया कि इसको पहले ही कर्ज उठाकर कनाडा भेजा था परन्तु परिवार पर उस समय मुसीबतों और दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब 15 अगस्त को कनाडा से पुलिस अफसरों ने फोन के द्वारा परिवार को सूचित किया कि उनके लड़के रौकसी चावला की मौत हो गई है और पुलिस उसकी मौत के कारणों की जांच करने में लगी हुई है। उन्होंने बताया कि इस खबर उपरांत शुक्रवार को वह अपने नजदीकी रिश्तेदारों और एडवोकेट चेतन सहगल को साथ लेकर जिले के डिप्टी कमिश्नर कुमार सौरभ राज को मिले और मांग की कि वह गरीब परिवार है और पहले ही कर्जे नीचे दबा हुआ है।
उन्होंने बताया कि कनाडा से मृतक की लाश लाने के लिए 12 से 15 लाख रुपए का और खर्चा नहीं कर सकता, इसलिए मृतक की लाश पंजाब सरकार अपने खर्चे पर लाने में मदद करे। उन्होंने यह भी मांग की कि रौकसी की मौत कौन से कारणों करके हुई इस बारे भी निष्पक्ष जांच करवाएं और दोषियों खिलाफ बनती कार्यवाही करने के लिए भी सरकार के द्वारा कनाडा सरकार के साथ संपर्क किया जाए। परिवार की मांग पर डिप्टी कमिश्नर ने इस मामले को गंभीरता के साथ लेते हुए तुरंत राज्य के ग्रह विभाग को पत्र लिखकर मांग की कि मृतक की लाश यहां सरकारी खर्चे पर लाएं और मौत के कारणों की जांच करने के लिए कनाडा सरकार के साथ संपर्क किया जाए।
परिवार वालों ने यहां बताया कि रौकसी की मौत कई दिन पहले हो गई थी परन्तु कनाडा सरकार ने उनको अब सूचित किया है। उन्होंने बताया कि रौकसी की मौत किन कारण और किस हालात में हुई इस बारे उनको फोन करने वाले किसी भी कैनेडियन अधिकारी ने कुछ नहीं बताया। उन्होंने डिप्टी कमिश्नर को मिलकर लाश वापस लाने में आर्थिक मदद करने और मौत के कारण की जांच करवाने की मांग की।