दर्दनाक: पहले अस्पताल में दाखिले और फिर मृतक को वहां से ले जाने के लिए तड़पता रहा परिवार

Edited By Tania pathak,Updated: 28 Apr, 2021 01:13 PM

family admitted to hospital first and then suffering to take dead body

पंजाब सरकार कोरोना ग्रस्त लोगों को आ रही मुश्किलों को किस प्रकार आंखें मूंद कर तमाशा देख रही है...

खन्ना (शाही, कमल): पंजाब सरकार कोरोना ग्रस्त लोगों को आ रही मुश्किलों को किस प्रकार आंखें मूंद कर तमाशा देख रही है, इसका ताजा उदाहरण आज खन्ना में एक 32 वर्षीय महिला की मौत हो जाने पर सामने आया। गोल्डन सिटी खन्ना निवासी आशीष शाही और उसकी पत्नी 12 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर स्थानीय निजी अस्पताल में दाखिल हो गए। इस दौरान आशीष शाही तो ठीक हो गया लेकिन 21 अप्रैल तो निजी अस्पताल के डाक्टरों ने कह दिया कि उनकी पत्नी का आक्सीजन लैवल कम होने लगा है, इसलिए उसे रेमडेसिविर टीके की जरूरत है जो उनके पास नहीं है।

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इस पर परिवार ने निजी अस्पताल से छुट्टी लेकर कोई बड़ा अस्पताल ढूंढना शुरू कर दिया। लुधियाना में सभी बड़े अस्पतालों ने कोरोना बैड खाली नहीं बता कर दाखिल करने से इंकार कर दिया। बड़ी दौड़-धूप करने के बाद उन्हें लुधियाना के ओसवाल अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां डाक्टरों ने बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बताया कि इसे अक्टैमरा टीका लगाना पड़ेगा। परिवार ने दिल्ली, कोलकाता, चंडीगढ़ सहित दौड़ लगाई लेकिन कहीं से भी इस टीके का इंतजाम नहीं हुआ।

सिविल सर्जन ने किए हाथ खड़ेखन्ना के शाही परिवार को जब अपनी पुत्रवधु को बचाने के लिए अक्टैमरा टीके की जरूरत पड़ी और कहीं से भी नहीं मिल रहा था तो परिवार ने एक पत्रकार से संपर्क किया जिसने लुधियाना के सिविल सर्जन डा. सुखजीवन कक्कड़ से संपर्क किया तो सिविल सर्जन ने टीका उपलब्ध कराने के लिए हाथ खड़े कर दिए और कहा कि सरकार इस बाबत कुछ नहीं कर सकती। अब परिवार को अपने मरीज को भगवान भरोसे छोड़ना पड़ा और आज सुबह 11.30 उसने दम तोड़ दिया। 

4 घंटे मृतक देह को लुधियाना से खन्ना लाने में परेशान होता रहा परिवार
कोरोना ग्रस्त लोगों को मौत होने पर पंजाब सरकार के प्रबंधों की पोल खोल रही है आज खन्ना में कोरोना से हुई महिला की मृत्यु। शाही परिवार की 32 वर्षीय महिला की जब आज सुबह 11.30 बजे लुधियाना के ओसवाल अस्ताल में मृत्यु हो गई तो एक तो परिवार पर मृत्यु से मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा, दूसरा पूरे 4 घंटे परिवार लुधियाना से खन्ना मृतक देह लाने के लिए एंबुलैंस या वैन का इंतजाम करने में परेशान होता रहा।

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परिवार की सहायता करने के लिए मीडिया कर्मी मैदान में कूदे जिससे शाम 3.30 एक निजी वैन का प्रबंध हुआ वह भी 10 गुना ज्यादा कीमत पर। इस बाबत मीडिया ने जब खन्ना के एस.डी.एम. हरबंस सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने एस.एम.ओ. खन्ना डा. सतपाल से संपर्क किया जिन्होंने नगर कौंसिल से संपर्क करने को कहा और नगर कौंसिल के ई.ओ. चरनजीत सिंह ने यह कह कर हाथ खड़े कर दिए कि नगर कौंसिल ने एक प्रस्ताव पास कर कौंसिल की मोर्चरी वैन शहर से बाहर भेजने पर पाबंधी लगाई हुई है।

जिलाधीश लुधियाना ने नहीं उठाया फोन
खन्ना का शाही परिवार जब अपनी पुत्रवधु को लुधियाना से खन्ना लाने के लिए किसी वैन का इंतजाम न होने पर परेशान चल रहा था तो परिवार ने मीडिया कर्मियों से संपर्क किया। इस बाबत मीडिया कर्मियों ने बार-बार लुधियाना के जिलाधीश का मोबाइल नंबर मिलाया लेकिन जिलाधीश ने फोन अटैंड नहीं किया। जिलाधीश के इस रवैये से पंजाब सरकार की कोरोना मरीजों के प्रति बेरुखी साफ सामने आती है।

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