Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 10:29 AM
एक ओर जहां देश भर में महिलाओं के साथ उत्पीडन व बच्चियों के साथ अमानवीय वारदातों का सिलसिला समाज को शर्मसार कर रहा है व बच्चियों की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर मनन व चिंतन हो रहा है, ऐसे में कक्षा 11वीं की छात्रा ने नारी अबला नहीं अपितु सबला...
पठानकोट (शारदा): एक ओर जहां देश भर में महिलाओं के साथ उत्पीडन व बच्चियों के साथ अमानवीय वारदातों का सिलसिला समाज को शर्मसार कर रहा है व बच्चियों की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर मनन व चिंतन हो रहा है, ऐसे में कक्षा 11वीं की छात्रा ने नारी अबला नहीं अपितु सबला होने की शानदार मिसाल पेश की। उसे देखकर पुरुष प्रधान समाज भी अचम्भित रह गया।
उक्त वाक्या ढाकी रोड रेलवे फाटक का है। हुआ यूं कि उक्त छात्रा सहपाठी के साथ स्कूल से घर की ओर पैदल जा रही थी। जब वह ढाकी रोड स्थित रेलवे फाटक के करीब पहुंचीं तो पीछे से सब्जी से लोड ट्रक चालक जोकि तेजी से निकल रहा था, ने इन छात्राओं को नजरअंदाज करते हुए अपने वाहन को आगे निकालने का प्रयास किया। इससे ट्रक इस छात्रा की बगल से निकल गया। गनीमत यह रही कि छात्रा को गंभीर चोट नहीं लगी तथा न ही वह गिरी परन्तु ट्रक चालक को उसे चपेट में लेने के प्रयास से वह बिफर उठी तथा चालक से उलझ गई।
छात्रा ने चालक को चेताया कि उसे पैदल जा रहे लोग नजर नहीं आ रहे। अगर वह नहीं संभलती तो ट्रक उसे चपेट में ले लेता। इस पर चालक ने भी तैश दिखाते हुए छात्रा से नोक-झोंक की। उस ने छात्रा को बच्ची समझकर नजरअंदाज कर आंखें दिखाते हुए वहां से निकलने का प्रयास किया परन्तु आगे फाटक पर रेलवे ट्रैक होने के कारण उसे न चाहते हुए भी वाहन की स्पीड कम करनी पड़ी।
मौका देखकर तिलमिलाई छात्रा भागकर ट्रक के आगे आ खड़ी हुई तथा चंडिका बनकर चालक को ललकारने लगी। इसी दौरान वहां लोग भी एकत्रित हो गए व छात्रा का रौद्र रूप देखकर उसके हौसले व जज्बे की तारीफ करने लगे। छात्रा उक्त मुद्रा में काफी समय तक वहीं ट्रक के आगे सड़क के बीचोंबीच खड़ी रही। इससे चालक को अपनी गल्ती का अहसास हुआ तथा वह बैकफुट पर आ गया। इसके बाद छात्रा ने जब महसूस किया कि चालक को उसकी गल्ती का अनुभव करवा दिया है तो वह जाम लगने से पहले सड़क के बीच से हट गई परन्तु उसने बकायदा पहले हाथ पर व फिर पैन से पुस्तक पर उक्त ट्रक का नंबर नोट कर लिया।