Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Mar, 2018 11:05 PM
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर पूर्व राजस्व मंत्री व अकाली दल के महासचिव बिक्रम मजीठिया पर हमला बोला है। उन्होंने एस.टी.एफ. की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि एस.टी.एफ. चीफ हरप्रीत सिद्धू ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि...
चंडीगढ़(रमनजीत): स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर पूर्व राजस्व मंत्री व अकाली दल के महासचिव बिक्रम मजीठिया पर हमला बोला है। उन्होंने एस.टी.एफ. की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि एस.टी.एफ. चीफ हरप्रीत सिद्धू ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि मजीठिया के खिलाफ जांच आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। सिद्धू ने रिपोर्ट के आधार पर आरोप लगाया कि ड्रग माफिया मजीठिया के घर, गाड़ी और सिक्योरिटी का इस्तेमाल करता था।
गौरतलब है कि इस मसले पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह कह चुके हैं कि उन्हें एस.टी.एफ. की ऐसी किसी रिपोर्ट के बारे में पता नहीं। यह रिपोर्ट हाईकोर्ट में है। इसके बावजूद सिद्धू द्वारा रिपोर्ट का दोबारा जिक्र करने से राजनीतिक माहौल गरमा गया है। बजट सत्र के पहले दिन पंजाब विधानसभा में मीडिया से रू-ब-रू हुए नवजोत सिद्धू ने आरोप लगाया कि जांच दोबारा हरप्रीत सिद्धू के पास जाने के डर से मजीठिया बौखला रहे हैं। इसी वजह से वह तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर हरप्रीत सिद्धू की ईमानदारी पर लांछन लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
दूसरी ओर मजीठिया द्वारा हरप्रीत सिद्धू को अपना चचेरा भाई बताते हुए किसी राजनीतिक या पारिवारिक खुंदक निकालने के आरोप मढऩे पर नवजोत सिद्धू ने पलटवार करते हुए कहा कि यदि मजीठिया को ऐसा कोई अंदेशा था तो वह कोर्ट क्यों नहीं गए? हरप्रीत सिद्धू ने कोर्ट में यह बात कही है कि मजीठिया उनके दूर के रिश्तेदार हैं मगर इस संबंध का उनकी रिपोर्ट से कोई वास्ता नहीं। सिद्धू ने कहा कि मजीठिया एक ओर रिपोर्ट को फैब्रिकेटिड बता रहे हैं जबकि दूसरी ओर कह रहे हैं कि यह लीक हुई है। मजीठिया को बौखलाहट में यही समझ नहीं आ रहा कि रिपोर्ट फैब्रिकेटेड है या लीक।
यदि रिपोर्ट लीक हुई है तो यह अब कोर्ट देखेगा मगर मजीठिया को सरकार को गाइड करने का कोई हक नहीं है। सिद्धू ने आम आदमी पार्टी के लीगल एडवाइजर एडवोकेट नवकिरण सिंह द्वारा इस मामले में पी.आई.एल. दायर करने के लिए उनका धन्यवाद किया और साथ ही कहा कि नशे और आतंकवाद के मसले पर सत्तापक्ष व विपक्ष का साथ होना जरूरी है।