कर्मचारियों ने किया आत्मदाह का ऐलान; पावरकॉम जनता नगर डिवीजन में मच गया हड़कंप

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Oct, 2017 10:03 AM

employees committed suicide declaration

पावरकॉम की जनता नगर डिवीजन में  सुबह ठेकेदारी सिस्टम के अधीन काम करने वाले 27 मुलाजिमों ने नौकरी से निकाल दिए जाने से परेशान होकर आत्मदाह करने का ऐलान कर दिया तो वहां पर हड़कंप मच गया।

लुधियाना (सलूजा): पावरकॉम की जनता नगर डिवीजन में  सुबह ठेकेदारी सिस्टम के अधीन काम करने वाले 27 मुलाजिमों ने नौकरी से निकाल दिए जाने से परेशान होकर आत्मदाह करने का ऐलान कर दिया तो वहां पर हड़कंप मच गया। पावरकॉम अधिकारियों के पसीने छूट गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला व उनकी मीटिंग बिजली विभाग के अधिकारियों व ठेके दार से करवाने का भरोसा दिलाया। 

बिजली मुलाजिमों ने भरोसे पर यकीन करने की जगह पावरकॉम ऑफिस कैंपस में रोष धरना लगा दिया। पंजाब सरकार मुर्दाबाद, ठेकेदार मुर्दाबाद, पावरकॉम मुर्दाबाद, धक्केशाही नहीं चलेगी, नौकरी पर बहाल करो आदि नारों की गूंज में सम्बोधित करते हुए मोल्डर एंड स्टील वर्कर्ज यूनियन के प्रधान हरजिन्द्र सिंह ने ठेकदार की इस कार्रवाई को सीधे तौर पर श्रम कानूनों की उल्लंघना बताते कहा कि इंसाफ मिलने तक वह इनके साथ डट कर खड़े रहेंगे। 

नौकरी से निकाले गए मुलाजिमों के नाम

सिमरनजीत सिंह, बलदेव सिंह, आजाद सिंह, कर्मजीत सिंह, कुलविंद्र सिंह, रणजीत सिंह, अवतार सिंह, कर्मजीत सिंह, चरणजीत सिंह, विकास वर्मा, मनजीत सिंह, रवि शंकर, गुरमीत सिंह, रणजीत कुमार, जसपाल सिंह, आशीष कुमार, हरमीत सिंह, रवि चंद, विजय कुमार, रछपाल सिंह, दीपक कुमार, सुखविन्द्र सिंह, गुरप्रीत सिंह, मनप्रीत सिंह, गगनदीप सिंह, हरप्रीत सिंह और वरिन्द्र सिंह।

ठेकेदार पर यह हैं आरोप

नौकरी से जब्री निकाल दिए गए इन बिजली मुलाजिमों ने ठेकेदार बलविन्द्र सिंह पर आरोप लगाते हुए बताया कि उनको 2 मुलाजिमों की जोड़ी के रूप में 18,000 रुपए तनख्वाह मिलती है, जबकि ठेकदार पावरकॉम से 38,950 रुपए वसूल रहा है। जब भी वह अपनी तनख्वाह बढ़ाने या फिर पेश आती मुश्किलों का निपटारा करने की मांग करते हैं तो उनको ठेकदार बिना किसी सूचना के नौकरी से निकाल देता है।

मकान बेचकर मुलाजिम ने करवाया इलाज
इस वर्ष जून महीने में साहनेवाल के रहने वाले वरिन्द्र सिंह नामक मुलाजिम को ड्यूटी के दौरान करंट लग गया। इससे वह बुरी तरह झुलस गया। इलाज पर लगभग 12 लाख रुपए खर्चा आया। उस समय ठेकेदार ने हाथ खड़े कर दिए। वरिन्द्र सिंह को अपना इलाज करवाने के लिए अपना मकान तक बेचना पड़ा। एक-दो दिन पहले ही जब वह अस्पताल से घर लौटा तो ठेके दार ने उसका हालचाल तो क्या पूछना था, बल्कि उसको नौकरी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। आज रोष धरने पर बैठे मुलाजिम सुखविन्द्र सिंह ने भी अपनी दास्तान सुनाते बताया कि वह भी काम करते समय हादसे का शिकार हो गए थे। इस समय भी ठेकेदार ने उनकी कोई मदद नहीं की थी बल्कि उसको अपना इलाज खुद ही करवाना पड़ा। 

श्रम विभाग को सौंपा मांग-पत्र
पावरकॉम एंड ट्रांस्को ठेका मुलाजिम यूनियन (बिजली बोर्ड) पंजाब ने श्रम विभाग को मुलाजिमों के साथ हुई बेइंसाफी को लेकर मांग-पत्र सौंप कर यह गुहार लगाई है कि गैर-कानूनी तौर पर काम से हटाए गए मुलाजिमों को बिना किसी शर्त व देरी से बहाल करवाया जाए। 

क्या कहना है ठेकेदार का
बिजली मुलाजिमों से संबंधित पैदा हुए विवाद के बारे मे जब ठेकेदार बलविन्द्र सिंह ने स्पष्ट किया कि वह पावरकॉम के नियमों तहत ही काम करते आ रहे हैं। पैडी व नॉन-पैडी सीजन के दौरान जरूरत के मुताबिक मुलाजिमों की संख्या में बढ़ौतरी व कटौती होती रहती है। इसकी जानकारी धरने पर बैठे मुलाजिमों को भी है। उन्होंने इनको पहले ही बता दिया था कि पहली अक्तूबर से मुलाजिमों की कटौती होगी। इसके बावजूद आज यह धरने पर बैठ गए और उन पर बेबुनियाद आरोप लगाने के साथ ही प्रैशर बनाने लगे हैं। मुलाजिमों के आरोपों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। 

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