Edited By Updated: 13 Apr, 2017 12:44 PM
रतन अस्पताल के गर्भस्थ शिशु के लिंग जांच मामले में सेहत विभाग ने सारा केस तैयार करके कोर्ट में भेज दिया है। प्री-कंसैप्शन एंड प्री नरल
लुधियानां(सहगल): रतन अस्पताल के गर्भस्थ शिशु के लिंग जांच मामले में सेहत विभाग ने सारा केस तैयार करके कोर्ट में भेज दिया है। प्री-कंसैप्शन एंड प्री नरल डायग्नोस्टिक तकनीक (पी.सी. पी.एन.डी.टी. एक्ट) के तहत डाक्टर अमरजीत सिंह रतन पर चलाए जाने वाले मुकद्दमे के बारे में सिविल सर्जन डा. राजीव भल्ला ने बताया कि केस लांच होने के बाद अदालत के फैसले के बाद पंजाब मैडीकल कौंसिल को भेजकर अग्रिम कार्रवाई के लिए कहा जाएगा। संभवत: अगर डाक्टर दोषी पाया जाता है तो उसकी रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकती है। गत रात्रि छापामारी करने गई टीम रात डेढ़ बजे तक छानबीन और कागजी कार्रवाई करती रही।
अनुमति 1 मशीन की चल रहीं 2
मौके पर छापामारी करने गई टीम ने देखा कि उक्त अस्पताल में 2 अल्ट्रासाऊंड मशीनें चलाई जा रही हैं, जबकि सेहत विभाग से 1 मशीन लगाने की अनुमति ली गई थी।
मौके पर अल्ट्रासाऊंड मशीनों को सील कर दिया गया।
विभाग की ए.एन.एम. ने दी थी सूचना
अम्बाला से आई टीम में शामिल सदस्यों के अनुसार जड़ौत में तैनात ए.एन.एम. ने एक महिला जिसके पहले 2 लड़कियां हैं, से उसके गर्भ में पल रहे तीसरे बच्चे के लिंग जांच करवाने की बात कही। इसकी भनक सेहत विभाग की एक ए.एन.एम. को लगी तो उसने अधिकारियों को सूचित कर दिया, जिस पर अम्बाला के सिविल सर्जन डा. विपन भंडारी ने एक टीम का गठन किया और उक्त महिला को 25 हजार रुपए की राशि देकर रवाना कर दिया, जिसका पीछा करती हुई टीम लुधियाना के रतन अस्पताल में पहुंची। उक्त टीम ने सिविल सर्जन लुधियाना को सूचना देकर सहयोग मांगा तो 2 अधिकारियों को मौके पर भेजा गया और उन्हें मौके तक पहुंचने तक कुछ नहीं बताया गया। इसी बीच पुलिस की एक टीम बुला ली गई।