शिक्षा मंत्री नेे बिना कसूर 6 अध्यापक नेता किए सस्पैंड

Edited By Des raj,Updated: 30 Jul, 2018 11:57 PM

education minister suspends 6 teacher leaders

सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब की ओर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 5 अगस्त को मोती महल के घेराव के एक्शन को देखते हुए पंजाब सरकार परेशान है। इसकी परेशानी का अंदाजा उस समय लगा जब शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी के आदशों पर सांझा अध्यापक मोर्चा जिला अमृतसर...

फाजिल्का(नागपाल): सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब की ओर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 5 अगस्त को मोती महल के घेराव के एक्शन को देखते हुए पंजाब सरकार परेशान है। इसकी परेशानी का अंदाजा उस समय लगा जब शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी के आदशों पर सांझा अध्यापक मोर्चा जिला अमृतसर से संबंधित नेताओं मंगल सिंह टांडा, अश्विनी अवस्थी, जर्मनजीत छजलवड्डी, अमन शर्मा और ऊधम सिंह मनावा को अपनी कक्षाओं में पढ़ाते हुए पंजाब की आम शिक्षा को बचाने व कच्चे अध्यापकों को पक्का करवाने तथा अध्यापकों की हकी व जायज मांगों के लिए चल रहे संघर्ष में विशेष योगदान डालने के कारण तत्काल प्रभाव से डायरैक्टर शिक्षा विभाग सैकेंडरी की ओर से सस्पैंड कर दिया गया है। 

इसके साथ ही आदर्श स्कूल पी.पी.पी. मोड की प्राइवेट कम्पनियों की ओर से सरकारी खजाना लूटने का विरोध कर रहे 42 अध्यापकों की सेवाओं को भी खत्म किया गया है। इस प्रकार की हरकतों से शिक्षा मंत्री व सरकार का शिक्षा विरोधी चेहरा लोगों के सामने आ गया है। शिक्षा मंत्री के आदेशों पर शिक्षा विभाग के इस घिनौने व कायरतापूर्ण कृत्य पर समूह पंजाब के अध्यापक वर्ग में रोष की लहर दौड़ गई है। 

जब इन नेताओं को बिना दोष निलंबन के आदेश अध्यापकों तक सोशल मीडिया के द्वारा पहुंचे तो अध्यापकों में रोष की लहर दौड़ गई और विभिन्न अध्यापक यूनियनों का नेतृत्व कर रहे सांझ अध्यापक मोर्चा पंजाब के कन्वीनरों सुखविन्द्र सिंह चाहल, बलकार सिंह वलटोहा, हरजीत बसोता, बाज सिंह खैहरा, दविन्द्र सिंह पूनिया ने सांझे बयान के द्वारा तत्काल एक्शन लेते हुए पूरे पंजाब में 30 और 31 जुलाई को अहंकारी शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी की अर्थियां जिला व ब्लाक स्तर पर फूंकने को अंजाम दे दिया। उन्होंने कहा कि बार-बार सांझा अध्यापक मोर्चों के साथ मुख्यमंत्री की ओर से रखी गई बैठक न करना और शिक्षा मंत्री के बार-बार आश्वासन पर सांझा मोर्चा की ओर से पटियाला के मोती महल का घेराव तीन बार स्थगित किया गया, परन्तु फिर भी 24 जुलाई को तय की गई बैठक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के स्थान पर शिक्षा मंत्री की ओर के ली गई और इस बैठक में अध्यापकों को स्थायी करने के स्थान पर अलग-अलग वलंटियरों के वेतन में केवल 1000 रुपए की मामूली वृद्धि के साथ-साथ नई-नई सिफारिशें पेश कर अध्यापकों के साथ भद्दा मजाक किया गया। 

पंजाब सरकार की इस वायदाखिलाफी और विश्वासघात के विरुद्ध सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब ने 27 जुलाई को राज्य भर में पंजाब सरकार की अर्थियां फूंककर रोष व्यक्त किया था, जिससे बौखलाहट में आकर शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी ने अध्यापकों की मांगों को मानने के स्थान पर अपने पैतृक जिले से अध्यापक नेताओं को सस्पैंड करने की जो घिनौनी हरकत की है, उसे पंजाब के अध्यापक कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। अपने हकों की रक्षा व संवैधानिक तौर पर विरोध करने व इस तानाशाही कार्रवाई के विरुद्ध 30 जुलाई को अर्थियां फूंकी गईं तथा शेष रहते जिलों में पंजाब के शिक्षा मंत्री की अर्थियां फूंकेगे और 5 अगस्त को पटियाला में झंडा मार्च व मोती महल का घेराव कर जवाब देंगे।

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