Edited By swetha,Updated: 06 Sep, 2018 02:18 PM
शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी के गृह जिले में धरना लगाने वाले सांझा अध्यापक मोर्चे के निलंबित 5 अध्यापक नेताओं को शिक्षा विभाग ने 1 महीना 8 दिन बाद बहाल कर दिया है। शिक्षा मंत्री ने अध्यापकों को अध्यापक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए तनदेही तथा ईमानदारी...
अमृतसर(दलजीत): शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी के गृह जिले में धरना लगाने वाले सांझा अध्यापक मोर्चे के निलंबित 5 अध्यापक नेताओं को शिक्षा विभाग ने 1 महीना 8 दिन बाद बहाल कर दिया है। शिक्षा मंत्री ने अध्यापकों को अध्यापक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए तनदेही तथा ईमानदारी से विद्यार्थियों को पढ़ाने की अपील की है।
जानकारी के अनुसार सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल वेरका अमृतसर में तैनात लैक्चरार मंगल सिंह, सरकारी मिडिल स्कूल लोहारका खुर्द में तैनात मा. ऊधम सिंह मनावा, सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल खिलचियां में तैनात अश्वनी कुमार, अवस्थी, सरकारी सीनियर सैकेंडरीे स्कूल जब्बोवाल में तैनात जरमनजीत सिंह व सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल सोहिया कला में तैनात अमन शर्मा को बहाल कर दिया है। बताते चलें कि शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी के गृह जिले में सांझा अध्यापक मोर्चा के नेताओं ने 27 जुलाई को डी.ई.ओ. दफ्तर के बाहर धरना लगाया था और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। इसके बाद विभाग द्वारा उक्त अध्यापक नेताओं को निलम्बित कर दिया गया था। शिक्षा विभाग द्वारा निलम्बित किए गए इन 5 अध्यापक नेताओं के 23 दिनों बाद अमृतसर जिले से बाहरी जिलों में हैडक्वार्टर बना दिए थे।
जिन शिक्षकों के मामले संवेदनशील नहीं, उनके पर्चे रद्द किए जाएं
‘पंजाब केसरी’ से बातचीत करते हुए शिक्षा मंत्री सोनी ने कहा कि अध्यापक विद्यार्थियों के मार्गदर्शन होते हैं। विद्यार्थी अध्यापक को देखकर ही अपने भविष्य का विस्तार करता है। अध्यापक को गुरु का दर्जा दिया गया है। उक्त पवित्र दर्जे को बनाए रखने के लिए अध्यापकों को तनदेही तथा ईमानदारी से विद्यार्थियों को पढ़ाना चाहिए। आज के पवित्र दिन पर जहां 5 अध्यापक नेताओं को बहाल कर दिया गया है वहीं विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि इनके अलावा जिन अध्यापकों पर विभाग द्वारा पर्चे दर्ज करवाएं गए हैं तथा मामले ज्यादा संवेदनशील नहीं हैं उनके पर्चे भी रद्द किए जाएं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अध्यापकों के सहयोग से ही राज्य की शिक्षा प्रणाली में बेहतरी लाई जा रहा है। यदि किसी अध्यापक को कोई परेशानी है तो वह समस्या के हल के लिए सीधा उनसे सम्पर्क कर सकता है।