ई.डी ने मल्टी करोड़ स्कैम मामले में रिटार्यड सीनियर बैंक मैनेजर को किया गिरफ्तार

Edited By Kamini,Updated: 18 May, 2022 09:55 PM

ed arrests retired senior bank manager in multi crore scam case

इनफोर्समैंट डायरेक्टोरेट ( ई.डी) विभाग ने  फगवाड़ा में स्थित बैंक ऑफ बड़़ौदा की ब्रांच में हुए मल्टी करोड़ बैंक...............

लुधियाना (गौतम ) : इनफोर्समैंट डायरेक्टोरेट ( ई.डी) विभाग ने  फगवाड़ा में स्थित बैंक ऑफ बड़़ौदा की ब्रांच में हुए मल्टी करोड़ बैंक स्कैम के मामले में रिटायर्ड सीनियर मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया। लुधियाना के रहने वाले रिटायर्ड सीनियर बैंक मैनेजर कुलदीप सिंह को विभाग की टीम ने बुधवार को सुबह फगवाड़ा से गिरफ्तार किया और मोहाली में स्पेशल प्रीवेशन ऑफ मनी लाड्रिंग एक्ट कोर्ट में पेश किया गया। सूत्रों के अनुसार विभाग की टीम के सीनियर अधिकारी जगविंदर पाल सिंह की टीम ने पेश किया और उन्हें 14 दिन के लिए ज्यूडिशियल रिमांड पर पटियाला जेल में भेज दिया गया है। उल्लेखनीय है कि विभाग की तरफ से इस मल्टी करोड़ स्कैम मामलें में पहले 2 आरोपियों फगवाड़ा के विक्रम सेठ व उसके भाई सुरेश सेठ को भी गिरफ्तार किया गया था। जबकि इस मामले में विभाग की तरफ से 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार किए गए रिटायर्ड बैंक मैनेजर की संपत्तियों को लेकर भी जांच शुरू की गई है। उक्त आरोपी ने लोन पास करवाने के लिए सहायता की थी। 

क्या था मामला 
ई.डी विभाग की तरफ से साल 2017 में विक्रम सेठ व 13 अन्य लोगों के खिलाफ 24 करोड़ रुपए के मल्टी करोड़ स्कैम के चलते जोनल आफिस जालंधर में  प्रीवेंशन ऑफ मनी लाड्रिंग एक्ट 2002 के तहत मामला दर्ज किया था। जबकि 15 जनवरी 2015 को एंटी क्रप्शन ब्यूरों की तरफ से धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने के अलावा अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। आरोप था कि उक्त लोगों ने अपने परिवार के 7 लोगों व कुछ बैंक कर्मियों की सहायता से  फर्जी दस्तावेज तैयार कर मल्टी करोड़ रुपए का स्कैम किया गया था।

 ई.डी की तरफ से की गई जांच के दौरान पता चला था कि विक्रम सेठ व सुरेश सेठ की तरफ से चल और अचल संपत्ति में अपने परिवार के नाम पर करोड़ों रुपए का निवेश किया गया है। बैंक से लिए लोन की राशि से यह निवेश किए गए थे। उक्त लोगों ने अन्य लोगों के साथा मिल कर फगवाड़ा में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच से करीब 21 करोड़ 31 लाख रुपए के 19 लोन लिए थे, जिससे बैंक को भारी नुकसान हुआ था। लोन की राशि को फर्जी फर्मो के खाते से ट्रास्फर किया गया था । ई.डी. ने जांच के दौरान बैंक खातों की जांच की और पता चला था कि उक्त लोगों की तरफ से  करीब 19 करोड़ रुपए की लागत से 42 अचल सम्पत्तियां खरीदी गई थी, जिसमें 20 रिहायशी प्लाट, 6 इंडस्ट्रीयल प्लाट, एक घर, 3 एग्रीकल्चर प्लाट, 2 इंटो के भट्ठे, 10 कर्मशियल प्लाट खरीदे गए थे जोकि फगवाड़ा, कपूरथला, बंगा और हिमाचल के अंब क्षेत्रों में थे। लोन राशि से 33 लाख रुपए की अचल संपत्ति खरीदी गई थी। जांच के दौरान ई.डी. की तरफ से इन प्रोपर्टीयों को अटैच कर दिया गया था।

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