Edited By Updated: 07 Feb, 2017 08:14 AM
सोमवार देर रात करीब 10.35 मिनट पर भूकंप की खबर ने पूरे शहर को दहला कर रख दिया। रिक्टर स्केल पर 5.8 तीव्रता वाले इस भूकंप के
जालंधर(अमित): सोमवार देर रात करीब 10.35 मिनट पर भूकंप की खबर ने पूरे शहर को दहला कर रख दिया। रिक्टर स्केल पर 5.8 तीव्रता वाले इस भूकंप के बारे में सुनते ही हर कोई कांप उठा। सोमवार रात को हिमाचल प्रदेश के अलावा दिल्ली,एन.सी.आर., उत्तराखंड, यू.पी. और पंजाब इस भूकंप से बुरी तरह से हिल गए। लोगों का कहना था कि जिस प्रकार से जल्दी-जल्दी भूकंप के झटके आने शुरू हो गए हैं, उसको देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि न जाने कब कोई बड़ा हादसा घट जाए। जानकारी के अनुसार लगभग 20 से 30 सैकेंड तक आए इस बार के भूकंप का केन्द्र रुद्रप्रयाग था और जमीन के नीचे इसकी गहराई 35 किलोमीटर मापी गई है। बार-बार हिमालय के नीचे होने वाली हलचल से धरती बुरी तरह से कांप रही है। वैज्ञानिकों की मानें तो पिछले साल नेपाल में आए भूकंप के पश्चात बार-बार आ रहे ये भूकंप के झटके आफ्टर-शॉक की श्रेणी में आते हैं मगर जिस प्रकार से भूकंप की सक्रियता बढ़ रही है उसको देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में यह झटके भयानक त्रास्दी का रूप भी धारण कर सकते हैं।
लापरवाही ठीक नहीं
इस बार के भूकंप का शहर में कोई खास असर तो देखने को नहीं मिला मगर सिसमिक जोन 4 की श्रेणी में आने वाले जालंधर शहर में संभावित भूकंप को लेकर लापरवाही बरतना भी ठीक नहीं होगा। जिला प्रशासन को कुदरत की तरफ से बार-बार चेतावनी प्राप्त हो रही है लेकिन आज तक जिला प्रशासन की तरफ से इस संबंधी कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई जा सकी है जिसका परिणाम भविष्य में आम जनता को भुगतना पड़ सकता है। प्रशासन द्वारा बरते जा रहे लापरवाही वाले रवैये को लेकर आम जनता में गहरा रोष व्याप्त है और लगभग हर किसी का यही कहना है कि भूंकप की आहट बार-बार सुनाई दे रही है। इसलिए प्रशासन को अब तो जाग जाना चाहिए ताकि आम जनता के अंदर फैल रही भय की भावना को खत्म किया जा सके। प्रशासन द्वारा हर बार केवल यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया जाता है कि मीटिंग की जाएगी और समुचित प्रबंध किए जाएंगे मगर जमीनी हकीकत यह है कि आज तक इसको लेकर किसी प्रकार के गंभीर कदम दिखाई नहीं दे रहे हैं।
हल्के झटकों से नहीं हुआ अधिक नुक्सान
भूकंप शास्त्रियों की मानें तो 5.8 तीव्रता वाले इस भूकंप के हल्के झटकों से कोई जान-माल का नुक्सान तो नहीं होता है मगर कच्चे मकानों के लिए यह खतरनाक अवश्य साबित हो सकता है। इसके अलावा अगर दोबार से भूकंप आता है तो यह कोई अच्छा संकेत नहीं होता है। इसीलिए आने वाले 1-2 दिन एहतियात वाले होते हैं जिसमें दोबारा भूकंप आने की स्थिति का सही अवलोकन करने की जरूरत हर समय बनी रहती है।
संभावित भूकंप के खतरे को लेकर प्रशासन गंभीर : डी.सी.
डी.सी. कमल किशोर यादव से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि संभावित भूकंप को लेकर प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है। भूकंप को लेकर किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। शीघ्र ही इस खतरे से निपटने के लिए एक ठोस रणनीति बनाने पर भी विचार किया जाएगा।