Edited By Updated: 18 Apr, 2017 12:47 PM
सिविल अस्पताल भदौड़ में सरकारी एम्बुलैंस होने के बावजूद एम्बुलैंस का ड्राइवर न होने के कारण स्थानीय लोगों को रैफर मरीजों को बाहरी अस्पतालों में ले जाने में भारी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। वर्णनीय है कि भदौड़ के सरकारी अस्पताल में से पहले एक...
बरनाला(ब्यूरो): सिविल अस्पताल भदौड़ में सरकारी एम्बुलैंस होने के बावजूद एम्बुलैंस का ड्राइवर न होने के कारण स्थानीय लोगों को रैफर मरीजों को बाहरी अस्पतालों में ले जाने में भारी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। वर्णनीय है कि भदौड़ के सरकारी अस्पताल में से पहले एक एम्बुलैंस बरनाला के सरकारी अस्पताल में से मंगवा ली गई व उसके बाद उस एम्बुलैंस का ड्राइवर भी मंगवा लिया गया। भरोसेयोग्य सूत्रों से यह भी पता चला कि पहले तो यह ड्राइवर एस.एम.ओ. सिविल अस्पताल बरनाला के पास रहा। उसके बाद जिला बरनाला के सिविल सर्जन ने अपने पास रख लिया जबकि इस संबंधी कई बार सिविल अस्पताल भदौड़ की ओर से भदौड़ की एम्बुलैंस के ड्राइवर की जरूरत संबंधी लिखित रूप में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया परंतु उच्च अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। आज लाखों रुपए की एम्बुलैंस सरकारी अस्पताल में बने गैराज में खड़ी धूल फांक रही है, जबकि रैफर मरीजों के लिए मौके पर एम्बुलैंस न मिलने के कारण कई लोगों को अपनी कीमती जानों से हाथ थोने पड़े हैं।
यहां यह भी बताने योग्य है कि 108 नंबर की एम्बुलैंस तो है परंतु यह एम्बुलैंस 25 किलोमीटर के क्षेत्र से अधिक का सफर तय नहीं करती परंतु यदि सीरियस मरीज को लुधियाना, भटिंडा, पटियाला लेकर जाना है तो उस मरीज के लिए बरनाला या भटिंडा से एम्बुलैंस मंगवानी पड़ती है व कई बार तो एम्बुलैंस आने के समय तक मरीज दम तोड़ देता है। इस एम्बुलैंस को अपने सुपुर्द करवाने के लिए क्षेत्र की समाज सेवी संस्था हैल्पिंग हैंड्ज फाऊंडेशन ने इस संबंधी सिविल सर्जन बरनाला को एक एप्लीकेशन भी दी थी कि हम इस एम्बुलैंस को अपने खर्च पर चलाएंगे परंतु उस समय चुनाव आचार संहिता लगने के कारण वह भी कार्य बीच में ही रुक गया। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि सिविल अस्पताल भदौड़ के ड्राइवर को वापस भेजा जाए ताकि लोगों को अपना मरीज बाहरी अस्पतालों में ले जाने के लिए कोई मुश्कि ल पेश न आए। उधर इस संबंधी जिला बरनाला के सिविल सर्जन संपूर्ण सिंह को बार-बार फोन किया गया परंतु उन्होंने अपना मोबाइल नहीं उठाया।