डॉक्टरों की कमी जल्द होगी पूरीः ब्रह्म महिन्द्रा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 May, 2018 05:23 PM

due to the shortage of doctors brahma mahindra

सिविल अस्पताल में एमरजैंसी इलाज के लिए पहुंचे मरीजों का समय पर उपचार न होने और समाज सेवीं संगठनों द्वारा किए गए घेराव के बाद सोमवार को सिविल सर्जन फाजिल्का सुरिन्दर कुमार उक्त मामले की जांच के लिए पहुंचे।

जलालाबाद (सेतिया): सिविल अस्पताल में एमरजैंसी इलाज के लिए पहुंचे मरीजों का समय पर उपचार न होने और समाज सेवीं संगठनों द्वारा किए गए घेराव के बाद सोमवार को सिविल सर्जन फाजिल्का सुरिन्दर कुमार उक्त मामले की जांच के लिए पहुंचे। जहां उन्होंने एसएमओ मैडम अमिता चौधरी के साथ बातचीत की और हो रही कोताहियों को दूर करने के लिए आदेश दिए।

 

इसके बाद एंटी क्रप्शन ब्यूरो के पदाधिकारी  अशोक कंबोज,समाज सेवी तथा एडवोकेट विकासदीप चौधरी, एडवोकेट बख्शीश कचूरा, समाज सेवी डा. बिमल खन्ना, बलदेव बट्टी, बिमल भठेजा और ओर संस्था आगू सिविल हस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने सिविल अस्पताल में डाक्टरों की कमी, एमएमओ की गैरमैजूदगी और सिविल हस्पताल अस्थाई कर्मचारियों की तरफ से किए जा रहे मरीजों के शोषण का मुद्दा रखा। काफी बहस के बाद सिविल सर्जन ने भरोसा दिया कि एसएमओ की ड्यूटी यकीनी बनाई जाएगी और जो डाक्टरों की कमी है उसको पूरा करने के लिए विभाग के उच्च आधिकारियों को लिखित में भेजा जाएगा ताकि डाक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके। 

 

इसके अलावा जिन अस्थाई कर्मचारियों की छुट्टी कर दी गई है उन्हें भी सिविल अस्पताल में एंटर नहीं होने दिया जाएगा।  परन्तु दूसरी तरफ संघर्ष के लिए पहुंचे एंटी कुरप्पशन ब्यूरो के नेता इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए और रोष प्रदर्शन के लिए अस्पताल की छत पर चढ़ गए ।


जानकारी अनुसार  सिविल अस्पताल में डाक्टरों की 5 पोस्टें हैं इनमें 4 स्पैशलिस्ट तथा 1 एमबीबीएस डाक्टर की तैनाती है परन्तु इनमें एक भी डाक्टर सिविल अस्पताल में स्थायी तौर मौजूद नहीं है और जो डेपोटेशन और 2 डाक्टर आ रहे हैं उन में एक डाक्टर अपनी पीजी की पढ़ाई के लिए अगले महीने छुट्टी पर जा रहा है। यदि देखा जाए तो करोड़ों रुपए की लागत के साथ तैयार सिविल अस्पताल  में एक भी स्थायी तौर पर डाक्टर मौजूद नहीं है। यह ही नहीं डाक्टरों की कमी कारण कई बार मरीजों को वापस निजी अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ता है। 

 

जानकारी देते हुए सिविल सर्जन सुरिन्दर कुमार ने कहा कि मौजूदा एसएमओ को संस्था में बुला कर यह भरोसा दिलाया गया है कि आज के बाद एसएमओ ड्यूटी पर रहेंगे यदि उन्होंने कहीं जाना होगा तो उन्हें 24 घंटे पहले विभाग को लिखित में देना होगा। इस के अलावा डाक्टरों की कमी बारे उन्हें चण्डीगढ़ में मीटिंग के लिए बुलाया गया है और डाक्टरों की कमी को एक महीनो में पूरा करने के लिए कहा गया है।


इस सम्बन्धित जब सेहत विभाग की डायरैक्टर डा. जसपाल कौर के साथ फोन पर  बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन फाजिल्का की तरफ से समस्या बारे जानकार करवाया गया है। परन्तु जब प्रैस की तरफ से उन्हें यह पूछा गया कि इमरजैंसी सेवाओं के लिए निर्धारित डाक्टर नहीं हैं तो उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन के साथ बातचीत करके एक दो दिनों में डाक्टरों की कमी को पूरा किया जाएगा। परन्तु जब उन्हें जलालाबाद की एसएमओ की गैर मौजूदगी पर रहने बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि  मुझे इस बारे जानकारी नहीं। जब उनहोंने यह पूछा गया कि वह अपना हाजरी रजिस्टर और अन्य  रिकार्ड भी लोक लगा कर रख कर जाते हैं तो उन्होंने कहा कि यह गलत है और रिकार्ड बिल्कुल बाहर होना चाहिए और यदि एसएमओ की तरफ से लापरवाही इस्तेमाल की गई है तो उनके खिलाफ भी कारवाई की जाएगी।  ब्लड स्टोरेज बंद होने बारे पूछा गया तो उन्हों ने इस बाबत ड्यूटी की जिम्मेवारी भी एमएमओ की है। 


इस सम्बन्धित जब सेहत मंत्री  ब्रह्म महिन्द्रा के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने समाज सेवीं संस्था की तरफ से लगाए जा रहे धरने से अनजान बताते कहा कि मुझे स्टाफ की तरफ से नहीं बताया गया है परन्तु पंजाब सरकार सेहत सेवाओं के प्रति वचनबद्ध है और किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी और डायरैक्टर के साथ बातचीत करके डाक्टरों की कमी को पूरा किया जाएगा। 

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