DTO व RTA दफ्तरों में काम करने वाले 183 मुलाजिमों की छुट्टी

Edited By Updated: 01 Feb, 2017 09:32 AM

dto office jalandhar

पंजाब के डी.टी.ओ. व आर.टी.ए. दफ्तरों में काम करने वाले लगभग 183 मुलाजिमों की नौकरी से छुट्टी कर दी गई है, मगर न जाने

जालंधर (अमित): पंजाब के डी.टी.ओ. व आर.टी.ए. दफ्तरों में काम करने वाले लगभग 183 मुलाजिमों की नौकरी से छुट्टी कर दी गई है, मगर न जाने क्यों उक्त सभी कर्मचारी पिछले 1 महीने से अपनी-अपनी सीटों पर अवैध रूप से बैठ कर काम कर रहे हैं। मामले की पूरी जानकारी होने के बावजूद आज तक कोई भी अधिकारी इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रहा। पब्लिक डीङ्क्षलग वाली सीटों पर तैनात उक्त सभी कर्मचारी रोजाना पहले की भांति सरकारी सीटों पर बैठकर काम कर रहे हैं जबकि नियमानुसार और कानूनन वे सरकारी सीटों पर बैठ ही नहीं सकते। 

नाइलैट ने सभी कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू करने से किया इंकार
मोहाली स्थित प्लेसमैंट एजैंसी नाईलैट (एन.आई.एल.आई.टी.), जो पिछले काफी समय से परिवहन विभाग को ठेके पर मुलाजिम उपलब्ध करवाने का काम कर रही है, उसकी तरफ से 31 दिसम्बर, 2016 के बाद उनकी तरफ से परिवहन विभाग के अंदर काम कर रहे किसी भी मुलाजिम का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू ही नहीं किया गया, जिसकी वजह से पूरे प्रदेश के अंदर अलग-अलग डी.टी.ओ. व आर.टी.ए. दफ्तरों मे तैनात 183 ठेका मुलाजिम कानूनी तौर पर नौकरी से निकाले जा चुके हैं। इतना ही नहीं, उक्त सभी कर्मचारियों को कम्पनी की तरफ से इस संबंधी औपचारिक सूचना भी प्रदान की जा चुकी है। 
 

विभाग को सभी कर्मचारियों को तुरंत नौकरी से निकालने की दी जानकारी
इस पूरे मामले में सबसे अधिक हैरान करने वाली बात जो सामने आई है कि प्लेसमैंट कम्पनी द्वारा दी गई औपचारिक सूचना में परिवहन विभाग को भी इसकी पूरी जानकारी देते हुए इतना लिखा जा चुका है कि उक्त सभी कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के तुरंत नौकरी से निकाला जा सकता है, मगर न जाने किस कारणवश इतना समय बीत जाने के बाद भी कम्पनी द्वारा दी गई जानकारी के ऊपर कोई एक्शन लिया नहीं जा रहा। 

सरकार के साथ किसी मतभेद के कारण नहीं रिन्यू हुआ कॉन्ट्रैक्ट
परिवहन विभाग के सूत्रों की मानें तो कम्पनी और सरकार के बीच किसी बात को लेकर मामूली मतभेद हुआ था, जिसके चलते कम्पनी ने फैसला लिया कि वह नए साल में अपना कॉन्ट्रैक्ट आगे नहीं बढ़ाएगी और इस बीच प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बदले समीकरणों और अधिकारियों की व्यस्तता के कारण कम्पनी के साथ हुए मतभेदों को सुलझाने का खास प्रयास नहीं किया जा सका, जिसकी वजह से कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू ही नहीं हो सका। 

कर्मचारियों को सैलरी मिलेगी या नहीं संशय की स्थिति बरकरार
इस मामले में एक रोचक तथ्य यह भी है कि कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू न होने की वजह से टैक्नीकली नौकरी से निकाले जा चुके कर्मचारी, जोकि धक्के से पिछले एक महीने से लगातार काम कर रहे हैं, उनको सैलरी मिलेगी या नहीं, इसको लेकर संशय की स्थिति बरकरार है क्योंकि अगर कम्पनी और सरकार के बीच कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू हो जाता है तो शायद कर्मचारियों को सैलरी मिल जाए, मगर कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू न होने की सूरत में इस बात की संभावना लगभग क्षीण है कि सरकार द्वारा इन्हें सैलरी दी जाएगी।

भ्रष्टाचार से सैलरी पूरी करने की संभावना से नहीं किया जा सकता इंकार
जिस प्रकार से नौकरी से निकाले जाने की पूरी जानकारी होने के बावजूद कर्मचारी सरकारी सीटों पर बैठकर काम कर रहे हैं, उसको देखकर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि कुछ कर्मचारी भ्रष्टाचार करके अपनी सैलरी के पैसे पूरा करने की कोशिश नहीं करेंगे। इस संभावना से पूरी तरह इंकार नहीं किया जा सकता।  

जालंधर में भी 4-5 मुलाजिम कर रहे हैं अवैध रूप से सरकारी सीट पर काम
प्लेसमैंट कम्पनी द्वारा कॉन्ट्रैक्ट रद्द किए जाने के बावजूद सरकारी सीटों पर काम करने वाले कर्मचारियों की लिस्ट में जालंधर के डी.टी.ओ. व आर.टी.ए. दफ्तर के अंदर काम करने वाले 4-5 कर्मचारी भी शामिल हैं, जिनमें से कुछ तो बहुत महत्वपूर्ण सीटों पर काम कर रहे हैं, अगर समय रहते इस पर विचार नहीं किया गया तो आने वाले समय में किसी बड़े घोटाले की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। मौजूदा समय में डी.टी.ओ. की नियुक्ति न होने के कारण इसको लेकर विभाग की तरफ से कोई औपचारिक उत्तर प्राप्त नहीं हो सका और ए.डी.टी.ओ. प्यारा सिंह से जब बात करने की कोशिश की गई तो उनसे बात नहीं हो पाई।

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