Edited By Vatika,Updated: 29 Jul, 2019 01:41 PM
पंजाब में 4 ही सप्ताह में नशे को खत्म करने का दावा कर सत्ता हासिल करने वाली कैप्टन सरकार नशे को खत्म करने में असमर्थ नजर आ रही है।
फिरोजपुर(मनदीप,कुमार): पंजाब में 4 ही सप्ताह में नशे को खत्म करने का दावा कर सत्ता हासिल करने वाली कैप्टन सरकार नशे को खत्म करने में असमर्थ नजर आ रही है। पंजाब सरकार के सभी नेता लोगों को नशामुक्त पंजाब देने के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं जबकि पंजाब के विभिन्न हिस्सों में नजर दौड़ाई जाए तो नशे की ओवरडोज कारण सैंकड़ों नौजवान मौत के मुंह में जा चुके है और सैंकड़ों मौत के किनारे खड़े हैं।
सरकार की नाकामी के चलते सीमावर्ती जिला फिरोजपुर का गांव कादा बौड़ा भी अब नशे की भेंट चढ़ चुका है और यहां नशे ने अपना कोहराम मचाते हुए गांव के 200 परिवारों के 40 से अधिक नौजवानों को अपनी चपेट में ले रखा है जोकि चिंता का विषय है। इस गांव में रहने वाला एक परिवार अपने नौजवान बेटे जसबीर सिंह को नशे से बचाने और उसे मौत के मुंह में जाने से रोकने के लिए जंजीरों से बांधकर रखने को मजबूर है। परिवार अनुसार 35 वर्षीय नौजवान जसबीर सिंह के 2 छोटे-छोटे बच्चे हैं और उसने कुछ दिन पहले नशे की आदत से परेशान होकर गांव के श्मशानघाट में जाकर फंदा लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी लेकिन कपड़ा फट जाने के कारण जसबीर सिंह बच गया। जब परिवार वालों को इस बात का पता चला तो उन्हें मजबूर होकर अपने जवान बेटे को घर के अंदर जंजीरों से बांधकर रखने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जब जसबीर सिंह के पिता से उसे जंजीरों में बांधकर रखने संबंधी बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनका बेटा नशे का आदी है और वह नशे की लत को पूरा करने के लिए घर का सामान बेच कर नशा करता है।
क्या कहते हैं डी.एस.पी.डी.
इस संबंधी पुलिस अधिकारी डी.एस.पी.डी. सतनाम सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव के नशा तस्कर जगजीत सिंह जग्गा को गिरफ्तार कर लिया गया है और यदि कोई ओर भी इस गांव में नशा बेचता है तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि नशा बेचने वालों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है।
डी.सी. ने किया गांवों का दौरा
उधर, इस मामले संबंधी जब डी.सी. फिरोजपुर चंद्र गैंद को पत्रकारों से जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ एस.डी.एम. अमित कुमार के साथ गांव कादा बौड़ा और सोढी नगर का दौरा किया और वहां पर नशे से पीड़ित नौजवानों के पारिवारिक सदस्यों के साथ बातचीत कर नशे में लिप्त नौजवानों को तुरंत एम्बुलैंस के जरिए नशामुक्ति केन्द्र एवं अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल करने के लिए भेजा। डी.सी. चंद्र गैंद ने लोगों को अपील की कि पंजाब में पहले जब आतंकवाद था तो लोगों ने आगे आकर उसका विरोध किया था जिससे आतंकवाद समाप्त हो गया था। उन्होंने कहा कि नशा भी एक आतंकवाद की तरह है जिसे खत्म करने के लिए लोगों को आगे आना होगा ताकि इसे जड़ से उखाड़कर फैंका जा सके।